छह मरीजों का एक साथ इलाज और सात के लिए बनेगा आइसीयू
दो साल की जद्दोजहद के बाद आखिरकार जिला अस्पताल का नया इमरजेंसी वार्ड स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर हुआ। मंडलायुक्त के निर्देश पर निर्माणदायी संस्था ने अधूरा पड़ा काम पूरा किया। जबकि बाकी का काम अस्पताल प्रशासन कराएगा। इस नए वार्ड में छह मरीजों का एक साथ इलाज करने की सुविधा के साथ सात बेड का आइसीयू भी बनेगा।
जागरण संवाददाता, बदायूं : दो साल की जद्दोजहद के बाद आखिरकार जिला अस्पताल का नया इमरजेंसी वार्ड स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर हुआ। मंडलायुक्त के निर्देश पर निर्माणदायी संस्था ने अधूरा पड़ा काम पूरा किया। जबकि बाकी का काम अस्पताल प्रशासन कराएगा। इस नए वार्ड में छह मरीजों का एक साथ इलाज करने की सुविधा के साथ सात बेड का आइसीयू भी बनेगा।
अस्पताल के उच्चीकरण के लिए लगभग दो वर्ष पहले यह वार्ड बना, लेकिन हैंडओवर से पहले ही पता लगा कि भवन की छत टपक रही थीं। दीवारों पर सीलन आ गई साथ ही सीढि़यों की रैलिग भी नहीं लगी थी। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने भवन को अपनी सुपुर्दगी में लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद संस्था ने कमियों को दूर करने की बात कही लेकिन कभी संस्था का स्टाफ आकर यहां काम करता तो कभी अधूरा काम छोड़कर भाग जाता। लगातार पत्रचार करने के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गई। पिछले दिनों मंडलायुक्त ने यहां का दौरा किया तो भी सीएमएस डॉ. बीबी पुष्कर ने उन्हें इस समस्या से अवगत कराया। मंडलायुक्त ने संस्था को जल्द से जल्द काम पूरा करने के साथ ही भवन हैंडओवर का निर्देश दिया। जबकि अब यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इंसेट
यह होंगी व्यवस्थाएं
नए इमरजेंसी वार्ड में छह मरीजों का एक साथ इलाज होगा। परीक्षण कक्ष में सिर्फ डॉक्टर, स्टाफ व मरीज ही रहेंगे। गंभीर मरीजों के लिए वहां सात बेड का आइसीयू भी बन रहा है। इसमें ऑक्सीजन प्लांट समेत पल्स-ऑक्सीमीटर व बीपी इंस्टूमेंट होंगे। इसमें गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाएगा। इंसेट
पुराना ही रहेगा वार्ड
- इमरजेंसी वार्ड पुराना ही रहेगा। गंभीर मरीजों की हालत में सुधार होते ही उन्हें ले आया जाएगा। नया भवन पूरी तरह एअरकंडीशन होगा।
वर्जन ::
हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। प्रयास है कि जनवरी के पहले सप्ताह में इसे चालू करा दें। ताकि मरीजों को इसका फायदा मिल सके।
- डॉ. बीबी पुष्कर, सीएमएस