1,035 के बीमा में 69,023 रुपये की गारंटी
किसान खेत में अछी फसल को हरसंभव प्रयास करता है। लेकिन कभी बीज खराब निकलने तो कभी दैवीय आपदा के चलते नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में फसल का बीमा कराकर किसान काफी हद तक उपज की गारंटी पा सकता है। एक हेक्टेयर खेत में गेहूं की फसल का बीमा कराने को किसान को सिर्फ 1035 रुपये का प्रीमियम जमा करना पड़ता है लेकिन फसल बर्बाद होने पर उसे 69023 रुपये का भुगतान मिल सकता है।
जेएनएन, बदायूं : किसान खेत में अच्छी फसल को हरसंभव प्रयास करता है। लेकिन, कभी बीज खराब निकलने तो कभी दैवीय आपदा के चलते नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में फसल का बीमा कराकर किसान काफी हद तक उपज की गारंटी पा सकता है। एक हेक्टेयर खेत में गेहूं की फसल का बीमा कराने को किसान को सिर्फ 10,35 रुपये का प्रीमियम जमा करना पड़ता है, लेकिन फसल बर्बाद होने पर उसे 69,023 रुपये का भुगतान मिल सकता है।
केंद्र सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने को प्रयासरत है। किसानों को फसल की बर्बादी से बचाने को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। जिले में गेहूं, मसूर, सरसों, आलू की फसल का बीमा कराया जा रहा है। गेहूं की फसल का 1,035 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रीमियम देकर बीमा कराने से फसल खराब होने पर 69,023 रुपये का भुगतान मिलेगा। मसूर की फसल में 981 रुपये का प्रीमियम जमा करने पर 65,405 रुपये, सरसों में 1,094 रुपये का प्रीमियम जमा कर 72,933 रुपये और आलू की फसल 5000 रुपये का प्रीमियम जमा करने पर फसल बर्बाद होने की दशा में एक लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से भुगतान मिलेगा। कृषि विभाग की टीम अभियान चलाकर किसानों को योजना के प्रति जागरूक कर रही है।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के हित में चलाई जा रही है। इसमें न्यूनतम प्रीमियम जमा कर फसल का बीमा करासे किसान फसल बर्बाद होने पर जो नुकसान होता है उससे बच सकता है। गांव-गांव प्रचार वाहन भेजकर किसानों को प्रेरित भी किया जा रहा है।
- विनोद कुमार, जिला कृषि अधिकारी