आलू औंधे मुंह गिरा, हरी सब्जियां आसमान छू रहीं

अनदेखी के चलते इस बार आलू उठ नहीं पाया। उत्पादकों को सही दाम न मिलने से उनमें निराशा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Mar 2019 12:32 AM (IST) Updated:Wed, 27 Mar 2019 12:32 AM (IST)
आलू औंधे मुंह गिरा, हरी सब्जियां आसमान छू रहीं
आलू औंधे मुंह गिरा, हरी सब्जियां आसमान छू रहीं

बदायूं : इसे विडंबना कहें या कुछ और, लेकिन किसानों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। हजारों हेक्टेयर पैदा की गई आलू की फसल किसान औने-पौने भाव में बेच रहे हैं। जबकि हरी सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही है। इससे बड़ी संख्या में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है।

जिससे आलू उत्पादक किसानों के चेहरों पर मायूसी छाई है। महंगे कम्पोस्ट, बीज, खाद, सिचाई एवं कीटनाशक दवाओं पर खर्च कर उगाई गई आलू की फसल की कीमत 400 रुपये प्रति क्विटल है। जबकि किसानों की लागत कहीं ज्यादा है। आलू के दामों में किसान को बढ़ोत्तरी होती नजर नहीं आ रही है। जबकि हरी सब्जियां गोभी, टमाटर, लौकी, तुरई के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन आलू के दाम जस के तस है, जिस कारण किसान परेशान है। कोल्ड स्टोरेज में भी है जोखिम

आलू उत्पादकों के लिए शीतगृहों में स्टोर करने का विकल्प तो है, शीतगृहों में 250 से 300 रुपये प्रति क्विंटल का खर्च आता है। आलू की इस समय कीमत 600 रुपये क्विटल है। कोल्ड स्टोरेज में रखने के बाद भी किसानों को सही मूल्य न मिल पाने के कारण उसे घाटा उठाना पड़ता है। आलू के दामों में इजाफा न हो पाने से किसान चितित हैं।

बोले किसान, उठाना पड़ रहा नुकसान फोटो 26 बीडीएन - 52

जितनी लागत हमने आलू की खेती की पैदावारी में लगाई है, आज तक दामों में बढ़ोत्तरी न होने से हमें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

- अब्दुल कादिर। फोटो 26 बीडीएन - 53

हम वर्षो से आलू की पैदावार करते आ रहे हैं। आज आलू के दाम 600 रुपये क्विंटल के आस पास है जबकि हमारी लागत इससे कहीं ज्यादा है।

- शमीउद्दीन। 26 बीडीएन - 55

सब्जियों के रेट आसमान छू रहे है। आलू के दाम में कोई बढ़ोत्तरी न होने से इस बार हमें घाटा उठाना पड़ेगा। कोल्ड स्टोर में यह सोचकर आलू डाल दिया है कि आने वाले दिनों में आलू में उछाल आएगा।

- गुड्डू।

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