गैर-रैयत किसानों के नाम पर खपा रहे धान

गैर-रैयत (बटाईदार) किसानों के नाम से क्रय केंद्रों पर बिचौलिया धान खपा रहे हैं। आनलाइन पंजीकरण में बटाइदार का नाम फीड कराकर यह खेल किया जा रहा है। इससे बिना खेत के कागजातों के ही धान को खपाया जा रहा है। वहीं अन्य किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 12:45 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 12:45 AM (IST)
गैर-रैयत किसानों के नाम पर खपा रहे धान
गैर-रैयत किसानों के नाम पर खपा रहे धान

जेएनएन, बदायूं : गैर-रैयत (बटाईदार) किसानों के नाम से क्रय केंद्रों पर बिचौलिया धान खपा रहे हैं। आनलाइन पंजीकरण में बटाइदार का नाम फीड कराकर यह खेल किया जा रहा है। इससे बिना खेत के कागजातों के ही धान को खपाया जा रहा है। वहीं, अन्य किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को मंडी समिति में आरएफसी के क्रय केंद्र पर बिचौलिया बटाइदार के नाम पर धान खपाने पहुंचा। मगर, मंडल स्तरीय टीम के पहुंचने पर वह खिसक गया।

जिले में किसान अपनी धान की फसल बेचने को परेशान है। वहीं, बिचौलिए बंटाईदार के नाम से चांदी काट रहे हैं। धान खरीद से जुड़े अफसरों ने बताया कि, गैर-रैयत की श्रेणी में वह किसान आते हैं, जो दूसरे की जमीन पर खेती करते हैं। ऐसे में उन्हें धान बेचने को पंजीकरण के लिए स्वयं की जमीन संबंधी कोई कागजात नहीं लगाना पड़ता है। उनका धान आसानी से सरकारी रेट पर खरीद लिया जाता है। दूसरी तरफ क्रय समिति और बिचौलिया मिलीभगत कर इन गरीबों का पंजीयन कराकर उनके नाम पर धान की खरीद कर लेते हैं। गांव में होती सौदाबाजी, फिर होता खेल

जिस समय किसानों के पास धान होता है। उस समय सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से वह अपनी जरूरत के अनुसार गांव में ही बिचौलियों के हाथों औने-पौने दामों पर बेच देते हैं। क्रय केंद्र पर सत्यापन की नहीं व्यवस्था

जिले के 31 क्रय केंद्रों के माध्यम से प्रशासन ढाई लाख क्विटल धान खरीद की कोशिश में जुटा है। केंद्रों पर सत्यापन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। कोई भी व्यक्ति आसानी से धान बेच सकता है। बस उसके पास पंजीकरण के कागजात हो। इसी का फायदा उठाकर बिचौलिया रोजाना ट्रालियों से धान खपाने में लगे हैं।

वर्जन ::

बटाईदार के भी धान की खरीद की जा रही है। बटाइदार खेत मालिक के कागजातों का पंजीकरण में दाखिल करता है। किसी केंद्र पर बटाइदार के नाम पर बिचौलिया धान डाल रहा है तो शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रकाश नारायण, डिप्टी आरएमओ

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