अब कागजों में भी नहीं बन रहे कंटेनमेंट जोन
कोरोना काल अभी चल रहा है। बीते दिनों मरीज संख्या जरूर कुछ कम हुई। लेकिन संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। यही वजह है कि रविवार को एक दिन में 50 से ज्यादा मरीज एक साथ निकले हैं। इससे जिले में कुल सक्रिय केस 76 हो गए हैं। फिर भी कंटेनमेंट जोन बनाने को लेकर पहले जैसी सक्रियता नहीं दिख रही है।
जेएनएन, बदायूं : कोरोना काल अभी चल रहा है। बीते दिनों मरीज संख्या जरूर कुछ कम हुई। लेकिन, संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। यही वजह है कि रविवार को एक दिन में 50 से ज्यादा मरीज एक साथ निकले हैं। इससे जिले में कुल सक्रिय केस 76 हो गए हैं। फिर भी कंटेनमेंट जोन बनाने को लेकर पहले जैसी सक्रियता नहीं दिख रही है। इसका कारण अफसर नई गाइडलाइन के अनुसार काम करना बता रहे हैं। इससे अभी तक शहर में महज चार कंटेनमेंट जोन बने हैं।
कोरोन संक्रमण को लेकर लॉकडाउन रहा तो यहां सख्ती दिखाई दे रही थी। कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता तो उसका इलाका पूरी तरह से सील कर दिया जाता था, ताकि उस एरिया में कोई बाहरी न आ सके। यह सख्ती लॉकडाउन खुलने के बाद खत्म हो गई। इसके बाद कहीं संक्रमित निकलते थे तो उस एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता, मगर वहां पर पहले जैसी सख्ती नहीं दिखाई जा रही थी। अब बेरीकेडिग भी किसी स्थान पर नहीं की जा रही है। हालांकि, नई शासकीय गाइडलाइन के मुताबिक संक्रमित का घर ही सील किया जाना है, मगर घरों को भी सील नहीं किया जा रहा है। इससे कोई भी संक्रमित कहीं भी जाकर लोगों में संक्रमण बांट सकता है। इसका खतरा लगातार बना हुआ है। इंसेट ..
शहर में वर्तमान समय में चार कंटेनमेंट जोन घोषित हैं। इसमें जिला कारागार, कृष्णापुरी, सिविल लाइंस, नई सराय शामिल हैं। इन इलाकों में ही ज्यादा केस निकले हैं। लेकिन अन्य हिस्सों में संक्रमित निकलने पर कंटेनमेंट जोन घोषित नहीं किया गया। वर्जन ..
नई गाइडलाइन के अनुसार ही कार्य किया जा रहा है। जहां भी संक्रमित निकलते हैं। उन इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित करते है। संक्रमित का घर सील करने का प्रावधान है।
- अमित कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट