बड़े बच्चों के लिए बाल संरक्षण गृह में नहीं इंतजाम

कोरोना काल में अनाथ बचों के संरक्षण को सरकार ने उन्हें बाल गृह में रखने की व्यवस्था कराई है। लेकिन जिले में 18 वर्ष से अधिक उम्र के अनाथ बचों के रखने के कोई इंतजाम नहीं है। अभी तक सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाने को 21 बचे चयनित किया जा चुके हैं जबकि चिह्नांकन की प्रक्रिया अभी चल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 01:47 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 01:47 AM (IST)
बड़े बच्चों के लिए बाल संरक्षण गृह में नहीं इंतजाम
बड़े बच्चों के लिए बाल संरक्षण गृह में नहीं इंतजाम

बदायूं, जेएनएन: कोरोना काल में अनाथ बच्चों के संरक्षण को सरकार ने उन्हें बाल गृह में रखने की व्यवस्था कराई है। लेकिन, जिले में 18 वर्ष से अधिक उम्र के अनाथ बच्चों के रखने के कोई इंतजाम नहीं है। अभी तक सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाने को 21 बच्चे चयनित किया जा चुके हैं, जबकि चिह्नांकन की प्रक्रिया अभी चल रही है।

शहर के कृष्णापुरी मुहल्ले में संचालित बाल गृह शिशु में 10 वर्ष तक के बच्चों रखा जाता है। यहां उनको पालन-पोषण के साथ शिक्षा भी दी जा रही है। यहां आवासीय व्यवस्था में 21 बच्चों का संरक्षण किया जा रहा है। लेकिन, इसमें कोरोना से अनाथ हुआ कोई बच्चा शामिल नहीं है। प्रेमनगर मुहल्ले में खुला आश्रय गृह संचालित है। इसमें 11 से 18 वर्ष तक के सिर्फ लड़कों को दिन में भोजन और शिक्षण की व्यवस्था है। यहां उन बच्चों को बुलाया जाता है जो समय से स्कूल नहीं जाकर प्रारंभिक शिक्षा हासिल नहीं कर सके। उन्हें मुख्य धारा में लाने को यहां सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक का ही इंतजाम रहता है। फिर वह घर चले जाते हैं। नेकपुर मुहल्ले में विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण संचालित है। यहां नवजात से लेकर छह साल तक के अनाथ बच्चों की परवरिश की जा रही है। यहां से बच्चों को गोद देने की भी प्रक्रिया पूर्ण की जाती है। बड़े बच्चों को यहां किसी बाल गृह में रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। इस तरह का कोई मामला आने पर लड़कों को शाहजहांपुर बालगृह भेजा जाता है, जबकि लड़कियों को लखनऊ बाल गृह भेजना पड़ता है। वर्जन ::

बाल गृह शिशु व विशेष दत्तक ग्रहण अभिकरण में अनाथ बच्चे रहते हैं। कोरोना काल में अनाथ हुआ कोई बच्चा अभी तक नहीं आया है। पुलिस और चाइल्ड लाइन से मिलने वाले अनाथ बच्चों को बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार यहां रखकर उनका संरक्षण किया जाता है।

- अनूप सक्सेना एडवोकेट, बाल गृह संचालक वर्जन ::

कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को चिह्नांकन चल रहा है। अब तक 21 बच्चे बाल कल्याण समिति के सामने आ चुके हैं। सभी किसी स्वजन के संरक्षण में हैं। अभी किसी को बाल गृह में भेजने की स्थिति नहीं आई है।

- डा.मनवीर सिंह, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति

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