कोरोना से बचाव में मलेरिया भी पस्त

जागरण संवाददाता बदायूं जिले में कोरोना से बचाव के इंतजाम शुरू हुए तो मच्छर जनित बीमारियों काफी कम हो गईं। इसके चलते इस बार मलेरिया के मरीज पिछले साल की तुलना में कम आए है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 01:31 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 01:31 AM (IST)
कोरोना से बचाव में मलेरिया भी पस्त
कोरोना से बचाव में मलेरिया भी पस्त

जागरण संवाददाता, बदायूं : जिले में कोरोना से बचाव के इंतजाम शुरू हुए तो मच्छर जनित बीमारियों काफी कम हो गईं। इसके चलते इस बार मलेरिया के मरीज पिछले साल की तुलना में कम आए है। पिछले साल मलेरिया के इस समय तक18302 केस पॉजिटिव आए थे तो फैल्सीफेरम के 2037 मामले निकले थे। वहीं, इस साल पिछले छह माह में मलेरिया की कुल 55531 जांचें की गईं, जिसमें 2454 मलेरिया पॉजिटिव के मामले निकले तो सिर्फ 27 केस फैल्सीफेरम के आए हैं।

मलेरिया प्रभावित सभी ब्लॉक और गांवों में कोरोना के साथ-साथ मलेरिया से बचाव को अभियान चल रहा है। बरसात का मौसम शुरू होते ही मलेरिया के कई केस सामने आते थे। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े इसके गवाह हैं। इस साल मलेरिया के केस कम निकलने के पीछे कोरोना को लेकर चल रहीं तैयारियां अहम वजह है। कोरोना वायरस ने जब यहां दस्तक दी तभी से स्वास्थ्य महकमा समेत सभी विभाग साफ-सफाई से लेकर सैनिटाइज कराने में जुट गए। गांवों की नालियों में डीडीटी का छिड़काव कराया गया तो सभी घरों को सैनिटाइज कराने का जिम्मा पंचायती राज विभाग ने उठाया। इससे मलेरिया के मामलों में काफी गिरावट आई। मलेरिया विभाग के जिम्मेदारों की मानें तो कोरोना वायरस के चलते पिछले वर्षों की अपेक्षा इस साल ज्यादा तैयारी के साथ काम किया गया है। पिछले साल मलेरिया प्रभावित ब्लॉक दातागंज, समरेर, जगत, सालारपुर और वजीरगंज में हजारों की संख्या में केस सामने आए थे, लेकिन इस बार लोगों में जागरुकता बढ़ी तो सिस्टम ने भी समय पर अच्छा फील्डवर्क किया जिसका परिणाम बेहतर रहा।

फैक्ट फाइल

- वर्ष 2019 कुल चेकअप : 157248

- मलेरिया पॉजिटिव : 18302

- फैल्सीफेरम : 2037

इस साल छह महीने के आंकड़े

- मलेरिया की कुल जांच : 55531

- मलेरिया पॉजिटिव : 2454

- फैल्सीफेरम केस : 27

- जिले की जनसंख्या : 37 लाख

- जिले की कुल ग्राम पंचायतें : 1038

- राजस्व गांव की संख्या : 1474

- मलेरिया प्रभावित ब्लॉक : 05 वर्जन ..

कोरोना की वजह से लोग जागरुक हुए हैं, स्वास्थ्य विभाग और मलेरिया विभाग ने भी समय रहते शहर से लेकर देहात तक अभियान चलाकर सैनिटाइजेशन के साथ-साथ मच्छरों का लार्वा नष्ट करने को दवाओं का छिड़काव शुरू करा दिया था। गांवों में गंदगी दूर करने को भी अभियान चला। इस वजह से इस साल मलेरिया पर काफी हद तक काबू पाया गया है।

- डॉ. हरदत्त कुमार, डिप्टी सीएमओ/प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी

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