घरों से लेकर मस्जिदों तक की गई रोशनी

माहे रबी उन्नूर पर कस्बा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्यारे नवी की आमद को लेकर अपने घर मकानों व दुकानों में रोशनी की। वहीं मस्जिदों को दुल्हन की तरह सजाया गया और लंगर तस्कीम किया गया। माहे रबी उन्नूर पर कोविड-19 के कारण जलसों का आयोजन नहीं किया गया। घरों में ही प्यारे नवी के नाम की महफिल सजाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 12:59 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 12:59 AM (IST)
घरों से लेकर मस्जिदों तक की गई रोशनी
घरों से लेकर मस्जिदों तक की गई रोशनी

जेएनएन, सैदपुर (बदायूं) : माहे रबी उन्नूर पर कस्बा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्यारे नवी की आमद को लेकर अपने घर, मकानों व दुकानों में रोशनी की। वहीं मस्जिदों को दुल्हन की तरह सजाया गया और लंगर तस्कीम किया गया।

माहे रबी उन्नूर पर कोविड-19 के कारण जलसों का आयोजन नहीं किया गया। घरों में ही प्यारे नवी के नाम की महफिल सजाई गई। अंजुमन रजा-ए- मुस्तफा के सदर जाहिद हुसैन के आवास पर एक मह़िफल आयोजित की गई। प्यारे नवी की सीरत बयां करते हुए हाफिज अकरम नूरी ने कहा प्यारे नवी सारी कायनात के लिए रहमत बनकर दुनिया में आए। जाहिद हुसैन ने कहा यह महीना प्यारे नवी की आमद का महीना है, हमें गरीबों की मदद करनी चाहिए और बेटी की पैदाइश पर खुशी मनाना चाहिए। जिस घर में बेटी पैदा होती है अल्लाह उस घर में रहमत अता ़फरमाता है। प्यारे नवी ने हमे अमन व शांति का पैगाम दिया है। अपने वतन से मुहब्बत करो प्रशासन के निर्देश का पालन करें। घरों में ही रहकर प्यारे नवी की आमद की खुशी मनाये सलातो सलाम के बाद अमन व शांति के साथ कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ की गई। इससे पूरी दुनिया को कोरोना वायरस के कहर से मुक्ति मिल सके। इस मौके पर सालिक हुसैन, अब्दुल वाहिद, हाफिज रिजवान आदि मौजूद रहे।

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