बदायूं में संक्रमण हुआ कम, लेकिन एहतियात जरूरी
कोरोना की दूसरी लहर भले ही कम हो गई है। लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए एहतियात जरूरी है। फिर भी लोगों का रवैया लापरवाह होता जा रहा है। कोरोना बंदी के बाद बाजार खुलने पर लोगों की भीड़ उमड़ती है। बाजारों में जाम की स्थिति बन जाती है। बाजार में शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
बदायूं, जेएनएन : कोरोना की दूसरी लहर भले ही कम हो गई है। लेकिन, खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए एहतियात जरूरी है। फिर भी लोगों का रवैया लापरवाह होता जा रहा है। कोरोना बंदी के बाद बाजार खुलने पर लोगों की भीड़ उमड़ती है। बाजारों में जाम की स्थिति बन जाती है। बाजार में शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। वहीं, कुछ लोगों के चेहरे पर मास्क भी दिखाई नहीं देता है।
कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के तहत 97 लोगों की कोरोना से मौत हुई और करीब 14, 895 लोग संक्रमित हुए। अब कोरोना ढलान पर है लेकिन संभावित तीसरी लहर से निपटने के भी इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके बावजूद लोग लापरवाह हो रहे हैं। अधिकांश लोग इस कदर बेखौफ नजर आ रहे है कि मानो कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह समाप्त हो गई है। कई दुकानदार बिना मास्क के सामान बेच रहे है। कई स्थानों पर शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं हो रहा है। बुधवार को शहर के मुख्य बाजारों में जाम जैसे हालात हो गए। दोपहिया व चार पहिया वाहनों के कारण दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। वाहन शारीरिक दूरी बनाए रखने में बाधा बनते नजर आ रहे। शहर के बड़ा, छह सड़का, घंटाघर, नेहरू चौक समेत अन्य मुख्य बाजारों में ग्राहकों की भीड़ हद से ज्यादा में दिख रही है। परचून, फुटवियर, कास्मेटिक, आदि की दुकानों में भी जमकर खरीददारी चल रही है।इस भीड़ से संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है।
शहर से लेकर देहात तक एक जैसे हालात
भीड़ उमड़ने के हालात शहर में ही नहीं बल्कि देहात और कस्बा के बाजारों में भी एक जैसे है। देहात और कस्बा के बाजारों में सुबह से ही खरीददारी को भीड़ उमड़ने लगती है।