मेला ककोड़ा : पानी सूखने में लगेगा वक्त, आगरा के टेंट स्वामी ने खड़े किए हाथ

जेएनएन बदायूं रुहेलखंड के मिनी कुंभ मेला ककोड़ा को लेकर अभी संशय बरकरार है। वास्तवि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 12:23 AM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 12:23 AM (IST)
मेला ककोड़ा : पानी सूखने में लगेगा वक्त, आगरा के टेंट स्वामी ने खड़े किए हाथ
मेला ककोड़ा : पानी सूखने में लगेगा वक्त, आगरा के टेंट स्वामी ने खड़े किए हाथ

जेएनएन, बदायूं : रुहेलखंड के मिनी कुंभ मेला ककोड़ा को लेकर अभी संशय बरकरार है। वास्तविक स्थिति जानने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष वर्षा यादव, जिलाधिकारी दीपा रंजन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा.ओपी सिंह खुद पहुंचे। आयोजन स्थल से एक किमी पहले ही उन्हें रुकना पड़ा। आंकलन किया गया कि रास्ते में भरा पानी सूखने में अभी दस से पंद्रह दिन तक का समय लग सकता है। लोक निर्माण विभाग के अभियंता का मत है कि अभी कच्चा मार्ग नहीं बन सकेगा। उधर, टेंट लगाने वाले आगरा के टेंट स्वामी ने इन हालातों में टेंट लगाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों के बीच मंत्रणा का दौर अभी चल रहा है, लेकिन स्थिति अनुकूल नहीं दिख रही है। अंतिम निर्णय अभी नहीं लिया गया है।

जिला प्रशासन ने मेला आयोजन को लेकर महीनेभर पहले ही शासन को पत्र भेजकर दिशा निर्देश मांगे थे। कोविड प्रोटोकाल के कारण कोई जवाब नहीं मिलने और गंगा में आई बाढ़ को देखते हुए मेला आयोजन की संभावना खत्म हो चुकी थी। इसी बीच चार दिन पहले शासन से मेला लगाने की अनुमति मिली तो हलचल बढ़ गई। जिला पंचायत के अधिकारी ने तो पहले ही मौके का मुआयना कर हाथ खड़े कर दिए थे। निर्णय लेने के लिए जिला स्तरीय कमेटी गठित कर दी गई। एसडीएम, लोक निर्माण विभाग के अभियंता, बाढ़ खंड के अभियंता जायजा ले चुके थे, लेकिन उनकी रिपोर्ट भी अनुकूल नहीं मिली। मेला लगवाने का बढ़ता दबाव देखकर गुरुवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ डीएम और एसएसपी खुद मौके का जायजा लेने पहुंचे। आयोजन स्थल के मार्ग में बाढ़ का पानी भरा होने के कारण एक किमी पहले ही उन्हें रुकना पड़ा। वहीं से हालात का जायजा लिया गया। लोक निर्माण विभाग के अभियंता का कहना है कि मार्ग में जो पानी भरा है उसे सूखने में कम से कम दस दिन लगेगा। उसके बाद एक फीट नीचे तक जब तक पानी नहीं सूखेगा, कच्चा मार्ग नहीं बनाया जा सकेगा। जिला पंचायत अध्यक्ष, डीएम और एसएसपी ने हालात का जायजा लिया और संभावनाओं पर चर्चा की। मेला के लिए प्रस्तावित नक्शा का भी अवलोकन किया। चर्चा के दौरान यह बात भी सामने आई कि आगरा का ठेकेदार यहां टेंट लगवाता रहा है। आयोजन स्थल पर नमी को देखते हुए टेंट लगाने से इन्कार कर दिया है। हालांकि मेला लगता है तो जिले के भी टेंट व्यवसायी इसमें प्रतिभाग कर सकते हैं। हालात का जायजा लेकर अधिकारी लौट आए,लेकिन आयोजन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। इस दौरान अपर मुख्य अधिकारी सत्यपाल पालीवाल भी मौजूद रहे। सड़क बनने के बाद ही शुरू हो पाएगा काम

मेला लगवाने के लिए सबसे पहला काम आयोजन स्थल को समतल कराना है। इसके लिए कच्ची सड़क का निर्माण कराना जरूरी है। जब तक सड़क नहीं बनेगी ट्रैक्टर और जेसीबी वहां तक नहीं पहुंच पाएगी। मौजूदा हालातों में जेसीबी का वहां तक पहुंच पाना मुश्किल है, ट्रैक्टर भी नहीं पहुंच सकेंगे। पीडब्ल्यूडी के अभियंता की राय मानी जाए तो 15 दिन के पहले सड़क का निर्माण ही शुरू नहीं हो सकेगा और मेला आयोजन में इतना ही समय बचा है। इससे तो यह मेला लगना मुश्किल लग रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष और एसएसपी के साथ खुद मौके का जायजा लिया है। मेला आयोजन स्थल के मार्ग में अभी बाढ़ का पानी है। आवागमन और सुरक्षा को लेकर जन प्रतिनिधियों और तकनीकी अधिकारियों से बात की जा रही है। जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

- दीपा रंजन, जिलाधिकारी

वर्जन ::

जिला पंचायत की ओर से मेला लगवाने की पहले से तैयारी की जा रही है, लेकिन प्राकृतिक आपदा के रूप में गंगा में बाढ़ आने से मेला स्थल पर जलभराव की स्थिति है। यहां ठेकेदार भी काम करने के लिए तैयार नहीं हैं। जनमानस की धार्मिक भावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन जो निर्णय लेगा उसी के अनुरूप कार्य किया जाएगा।

- वर्षा यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष

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