बिना उपयोग किए कूड़ा बन गए 12.50 करोड़ के उपकरण

कूड़ा निस्तारण के लिए करोड़ों की लागत से बनाए जा रहे सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट अधर में लटक गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 05:52 PM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 05:52 PM (IST)
बिना उपयोग किए कूड़ा बन गए 12.50 करोड़ के उपकरण
बिना उपयोग किए कूड़ा बन गए 12.50 करोड़ के उपकरण

बदायूं : कूड़ा निस्तारण के लिए करोड़ों की लागत से बनाए जा रहे सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट अधर में लटक गया है। 12.50 करोड़ रुपये की लागत से खरीदे गए कूड़ा निस्तारण के उपकरण बिना उपयोग किए ही कूड़ा बन गए हैं। चूंकि मामला अदालत में विचाराधीन है, इसलिए कोई जिम्मेदार कुछ कहने के लिए भी तैयार नहीं है। कूड़ा उठाने के लिए मंगवाए गए लाखों रुपये कीमत के हत्थू ठेलों समेत अन्य वाहन वाटर व‌र्क्स कंपाउंड में जंग खा रहे हैं। कई बारिश इन वाहनों पर उतर गईं तो गर्मी और सर्दी की मार झेलने के बाद मौजूदा वक्त में यह वाहन कंडम हो चुके हैं। वहीं प्लांट का रुका काम कब शुरू होगा और इन वाहनों का क्या निस्तारण होगा। इन सवालों का जवाब फिलहाल जिम्मेदारों के पास नहीं है। घरों से निकलने वाले कचरे का निस्तारण के लिए तकरीबन छह साल पहले सोलर वेस्ट मैनेजमेंट का प्लांट लगाना प्रस्तावित था। इसके लिए शासन ने प्लांट को भूमि भी गांव उतरना के पास चयनित की थी। 12.50 करोड़ की लागत से बनने वाले इस प्लांट में सरकार को 5.78 करोड़ रुपये देना थे। प्लांट बनाने का जिम्मा सीएनडीसी और एटूजेड नाम की कंपनियों को मिला। हालांकि दोनों कंपनियों की आपसी रार के कारण प्लांट निर्माण का काम रुक गया।

इंसेट

दो किश्तों में मिली थी रकम

शासन द्वारा प्लांट के लिए दो किश्तों में रकम भी जारी की गई। पहली किश्त में 2.87 करोड़ रुपये की साल 2013 में मिली। जबकि दूसरी किश्त में 2.91 करोड़ रुपये मिले। वित्तीय वर्ष 2013-14 में यह काम पूरा होना था।

वर्जन ::

फिलहाल दोनों संस्थाओं के बीच का विवाद अदालत में विचाराधीन है। वहां से कोई फैसला आने पर ही प्लांट का निर्माण शुरू हो पाएगा। कूड़ा निस्तारण कर शहर को स्वच्छ बनाना हमारी प्राथमिकता में शामिल है, लेकिन अदालत के फैसले के बिना कुछ नहीं करा जा सकता।

- दीपमाला गोयल, पालिकाध्यक्ष

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