कटरी के गांवों में कचरा निस्तारण के साथ पानी भी होगा श़ुद्ध

जागरण संवाददाता बदायूं गंगा किनारे के गांवों में कचरा निस्तारण के साथ वहां का पानी भी शुद्ध होगा। नमामि गंगे योजना में गांवों में सॉलिड लिक्विट वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट पहले लग चुके हैं। अब वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगने वाले हैं। सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगने से गांव के कचरे से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब गांवों के नालों के पानी से तालाब दूषित नहीं होगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 01:39 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 01:39 AM (IST)
कटरी के गांवों में कचरा निस्तारण के साथ पानी भी होगा श़ुद्ध
कटरी के गांवों में कचरा निस्तारण के साथ पानी भी होगा श़ुद्ध

जागरण संवाददाता, बदायूं : गंगा किनारे के गांवों में कचरा निस्तारण के साथ वहां का पानी भी शुद्ध होगा। नमामि गंगे योजना में गांवों में सॉलिड लिक्विट वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट पहले लग चुके हैं। अब वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगने वाले हैं। सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगने से गांव के कचरे से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब गांवों के नालों के पानी से तालाब दूषित नहीं होगा। अब नालों का पानी शुद्ध करने के बाद ही वह तालाबों में छोड़ा जाएगा, ताकि तालाबों में साफ पानी रहे और संक्रामक रोगों से गांव वालों को बचाया जा सके। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन कर गांवों को स्वच्छ बनाने को एक बार फिर से अभियान छेड़ा जाएगा।

नमामि गंगे योजना में कटरी की 41 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। सरकार का पूरा ध्यान इन गांवों की स्वच्छता पर है, ताकि गांवों से निकलने वाला कचरा गंगा में न जाए। ग्रामीणों में जागरुकता लाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत नुक्कड़ नाटक कराए जाते हैं तो गोष्ठियों से ग्रामीणों को बताया जाता है कि वह किस तरह से अपने गांवों को स्वच्छ रख सकते हैं। इन गांवों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण को पंचायती राज विभाग ने 3.14 करोड़ रुपये सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट पर खर्च किए हैं। प्लांट लगवाने के पीछे मंशा थी गांवों से निकलने वाले कचरे से जैविक खाद तैयार की जा रही है। कुछ गांवों में यह सिस्टम काम करने लगा है। इंसेट ..

शत प्रतिशत शौचालयों का उपयोग कराने को चलेगा अभियान

- नमामि गंगे योजना में चयनित 41 ग्राम पंचायतों के सभी 67 गांव काफी पहले ही ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं। प्रशासन ने युद्धस्तर पर तैयारियां करते हुए सबसे पहले इन्हीं गांवों में घर-घर शौचालय निर्माण कराए थे। सभी गांव में 15671 शौचालय बनवाए गए थे। पिछले साल ओडीएफ घोषित गांवों में शौचालय का उपयोग कितने लोग कर रहे हैं। इसके लिए विभाग की ओर से द्वितीय सर्वे कराया गया था। सर्वे में पता चला कि कुछ लोग शौचालय का उपयोग न करके खुले में शौच को जाते हैं। अब उन ग्राम पंचायतों में शत प्रतिशत शौचालयों का उपयोग कराने के लिए विभाग अभियान चलाएगा। स्वच्छता की अलख जगाने को पिछले साल की तरह इस साल भी कटरी किनारे स्वच्छता संदेश लिखे गुब्बारे उड़ाए जाएंगे तो वहां अन्य प्रतियोगिताएं भी कराई जाएंगी।

वर्जन ..

नमामि गंगे योजना में शामिल सभी गांव ओडीएफ घोषित हो चुके हैं। कुछ लोग शौचालय का उपयोग नहीं कर रहे हैं तो उनको जागरुक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। योजना में शामिल सभी गांवों में कचरा प्रबंधन का इंतजाम किया जा चुका है और अब नाले से निकलने वाले पानी को तालाब में छोड़ने से पहले स्वच्छ करने की तैयारी चल रही है। ताकि तालाबों में गंदा पानी जमा न हो।

- अंजुल पटेल, जिला सलाहकार स्वच्छ भारत मिशन

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