बदायूं में स्वजन की दीर्घायु की कामना संग लिया वट वृक्ष के संरक्षण का संकल्प
ज्येष्ठ अमावस्या पर गुरुवार को सुहागिनों ने वट सावित्र व्रत रखा। वट वृक्ष पूजा कर स्वजन की दीर्घायु की कामना की। इसके साथ ही उन्होंने वट वृक्ष के संरक्षण का संकल्प लिया। इसके लिए महिलाओं ने कुछ स्थानों पर बरगद का पौधारोपण भी किया।
बदायूं, जेएनएन : ज्येष्ठ अमावस्या पर गुरुवार को सुहागिनों ने वट सावित्र व्रत रखा। वट वृक्ष पूजा कर स्वजन की दीर्घायु की कामना की। इसके साथ ही उन्होंने वट वृक्ष के संरक्षण का संकल्प लिया। इसके लिए महिलाओं ने कुछ स्थानों पर बरगद का पौधारोपण भी किया। इससे आने वाले दिनों में यह वृक्ष रूप में लोगों को अधिक से अधिक आक्सीजन दे सकें।
कोरोना काल में आक्सीजन की कमी से सभी को पर्यावरण में वट वृक्ष की अहमियत समझ में आई। इसको लेकर दैनिक जागरण ने भी जागरूकता अभियान चलाया। विशेषज्ञों की मदद से लोगों को इसका महत्व बताया। जागरण के अभियान से प्रेरित होकर कई महिलाओं ने इस वर्ष वट सावित्री की पूजा की विशेष तैयारी की। उन्होंने गुरुवार को न सिर्फ व्रत रखकर पूजा अर्चना की। इसके साथ ही बरगद का पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के लिए सक्रिय भूमिका भी निभाई। उझानी नगर निवासी सुनीति सिंह और प्रीति सिंह ने अनूठे अंदाज में इस वर्ष वट सावित्री व्रत रखा। इसके लिए उन्होंने घर में गमले में इसका पौधा रोंपा। फिर पूजा अर्चना कर स्वजन की दीर्घायु की कामना की। इसके साथ ही वट के पौधे के संरक्षण का भी संकल्प लिया। इसके अलावा शहर से लेकर कस्बों और गांवों तक में महिलाएं वट वृक्ष के नीचे एकत्र हुईं। वृक्ष में धागा लपेटकर सत्यवान, सावित्री के साथ यमराज की पूजा कर स्वजन की दीर्घायु की कामना की। रीडर कनेक्ट वट वृक्ष फोटो 10 बीडीएन 47
बरगद के पेड़ की सदियों से पूजा होती आ रही है। गर्मी के दिनों वट वृक्ष के नीचे बहुत राहत मिलती है। अब बरगद लगाना लोगों ने छोड़ दिया है। वट वृक्ष की पूजा तो हम भी करते हैं। खेत-खलिहान में बरगद लगाने के लिए लोगों को प्रेरित करूंगी।
- कामिनी देवी
फोटो 10 बीडीएन 48
वट वृक्ष की अहमियत हमारे बुजुर्ग खूब समझते रहे हैं। शायद इसी लिए बरगद के पेड़ की पूजा की प्रथा शुरू हुई होगी। सावित्री और सत्यवान की कथा भी इसी से जुड़ी हुई है। बरगद के पौधे लगाकर उनके संरक्षण के लिए अभियान चलना चाहिए।
- सारिका पटेल
फोटो 10 बीडीएन 49
बचपन से देखती आ रही थी कि घर की महिलाएं बरगद की पूजा करती रही हैं। बड़ी हुई तो इसकी अहमियत पता चली। कोरोना महामारी के बीच आक्सीजन की कमी ने यह और समझा दिया कि अधिक मात्रा में आक्सीजन देने वाले बरगद, पीपल कितने जरूरी हैं।
- वेदवती
फोटो 10 बीडीएन 50
बरगद के विशालकाय पेड़ के नीचे इंसान को छाया मिलती है, वहीं वृक्ष पर तरह-तरह के जीव-जंतुओं को आश्रय भी मिलता है। प्रकृति के बीच रहने से ही व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। इसलिए बरगद के पेड़ लगाने के लिए परिवार और पड़ोस के लोगों को प्रेरित करूंगी।
- संजू देवी