बदायूं में कोरोना काल में नहीं हुआ छात्राओं के भोजन का भुगतान

कोरोना काल में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राएं घर पर रही। इसके बावजूद प्रदेश के कई जिलों में छात्राओं के खाने आदि पर करोड़ों रुपया ठिकाने लगा दिया। यह प्रकरण उछलने के बाद जिले में भी छानबीन कराई गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 12:50 AM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 12:50 AM (IST)
बदायूं में कोरोना काल में नहीं हुआ छात्राओं के भोजन का भुगतान
बदायूं में कोरोना काल में नहीं हुआ छात्राओं के भोजन का भुगतान

बदायूं, जेएनएन : कोरोना काल में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राएं घर पर रही। इसके बावजूद प्रदेश के कई जिलों में छात्राओं के खाने आदि पर करोड़ों रुपया ठिकाने लगा दिया। यह प्रकरण उछलने के बाद जिले में भी छानबीन कराई गई। लेकिन, जिले में किसी विद्यालय में कोई गड़बड़ी नहीं मिली। अफसरों का कहना है कि कोरोना काल में छात्राओं को भोजन या अन्य किसी मद में भुगतान नहीं हुआ।

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर फैली। इस पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से उनके घरों पर भेज दिया। जिले में भी 18 कस्तूरबा गांधी विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। छात्राओं को भोजन आदि की व्यवस्था विद्यालय में रहती है। हर साल बड़ा बजट स्कूलों को आवंटित होता है। प्रदेश के कई जिलों के कस्तूरबा बालिका विद्यालयों में बड़े स्तर पर गोलमाल किया गया। छात्राएं जब घर थी, तब उन्हें भोजन कहां खिलाया गया। बाकी अन्य सुविधाएं किस तरह दी गई। जब यह बात शासन स्तर तक पहुंची अब संबंधित जिलों के अधिकारियों मैं खलबली मच गई। इस घपले में बदायूं का नाम तो नहीं रहा, लेकिन एहतियात के तौर पर छानबीन कराई गई है। किसी विद्यालय से कोरोना काल में किसी तरह का भुगतान नहीं किया गया है।

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जिले के कस्तूरबा विद्यालय कोरोना महामारी के दौरान बंद रहे। इस दौरान छात्राओं के भोजन अथवा उनसे जुड़े किसी अन्य मद में भुगतान नहीं हुआ है। जिले में हुई जांच में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली।

- प्रशांत कुमार, डीसी बालिका शिक्षा

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