बदायूं में जनाजे में उमड़ी भीड़ से बेखबर थे जिम्मेदार, कार्रवाई तय

कोरोना क‌र्फ्यू में जिला-ए-काजी हजरत शेख अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी उर्फ सालिम मियां कादरी के जनाजे में उमड़े जनसैलाब से जिम्मेदार बेखबर थे। इसकी पुष्टि जनसैलाब के वायरल वीडियो से हो रही है। वायरल वीडियो में पुलिस नदारद दिख रही है। इस लापरवाही ने सदर कोतवाली पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 12:30 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 12:30 AM (IST)
बदायूं में जनाजे में उमड़ी भीड़ से बेखबर थे जिम्मेदार, कार्रवाई तय
बदायूं में जनाजे में उमड़ी भीड़ से बेखबर थे जिम्मेदार, कार्रवाई तय

बदायूं, जेएनएन : कोरोना क‌र्फ्यू में जिला-ए-काजी हजरत शेख अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी उर्फ सालिम मियां कादरी के जनाजे में उमड़े जनसैलाब से जिम्मेदार बेखबर थे। इसकी पुष्टि जनसैलाब के वायरल वीडियो से हो रही है। वायरल वीडियो में पुलिस नदारद दिख रही है। इस लापरवाही ने सदर कोतवाली पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कोतवाल से लेकर बीट कांस्टेबल तक इस लापरवाही की वजह मानें जा रहे है। कुछ ही घंटों में उमड़े जनसैलाब को देखने से कयास लगाए जा रहे है कि कोतवाली पुलिस का खुफिया तंत्र भी फेल साबित हुआ है। इस लापरवाही को देखते हुए जिम्मेदारों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है। इस प्रकरण की रिपोर्ट शासन ने तलब की है।

विदेश तक विख्यात धर्मगुरू सालिम मियां का रविवार सुबह इंतकाल हुआ। दोपहर में उनके जनाजे में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में अकीतमंद जुटे। कोरोना क‌र्फ्यू में जुटी भीड़ का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होते ही प्रदेश में हल्ला मचा। कोरोना प्रोटोकाल का उल्लंघन होते देख पुलिस प्रशासन की सतर्कता पर सवाल खड़े हो गए। पुलिस प्रशासन ने मामले में संज्ञान लेते हुए सदर कोतवाली में महामारी अधिनियम में जनाजे में जुटी भीड़ के मामले में अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया। इस प्रकरण की रिपोर्ट शासन से तलब की तो आनन फानन सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार ने भीड़ जुटने के संबंध में डीएम को रिपोर्ट प्रेषित की। इस मामले में एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा की निगरानी में तफ्तीश शुरू की गई है। लेकिन सवाल है कि सदर कोतवाली से 300 मीटर की दूरी पर जनाजे में शामिल होने के लिए हजारों की भीड़ जुट गई। फिर भी पुलिस बेखर रही। जब भीड़ एकत्रित हो रही थी तो कोतवाल, हल्का इंचार्ज और बीट कांस्टेबल कहां थे। अगर भीड़ जुटने की संभावना थी तो अफसरों को समय जानकारी क्यों नहीं दी। भीड़ संभालने के लिए भी क्या व्यवस्था की गई थी। कई सवालों पर पुलिस की लापरवाही उजागर हो रही है। चूंकि जिला-ए-काजी जिले की बड़ी हस्ती थे। उनके इंतकाल में भीड़ जुटना स्वाभाविक था। लेकिन, स्थानीय पुलिस ने तवज्जो नहीं दी। जिसका खामियाजा जल्द ही जिम्मेदारों को भुगतना पड़ सकता है। इस मामले में एसएसपी संकल्प शर्मा ने एसपी देहात के नेतृत्व में वायरल वीडियो से जुटी भीड़ में शामिल लोगों के चेहरों की तस्दीक के लिए टीम गठित की है। वहीं, जिम्मेदारों की भी जांच की जा रही है कि आखिरी लापरवाही किस स्तर से हुई है।

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