बदायूं में कोरोना काल में बढ़ा औषधीय पौधों का महत्व

पर्यावरण को स्वछ बनाने में अछे पौधों की भूमिका अहम है। कोरोना काल में औषधीय पौधे लोगों के इलाज में कारगार साबित हुए है। संक्रमित मरीजों के लिए घरेलू नुस्खे के तौर पर बनाए गए काढ़ा में आंवला नीम और तुलसी का विशेष महत्व रहा। इससे औषधीय पौधों का महत्व बढ़ा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 12:26 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 12:26 AM (IST)
बदायूं में कोरोना काल में बढ़ा औषधीय पौधों का महत्व
बदायूं में कोरोना काल में बढ़ा औषधीय पौधों का महत्व

बदायूं, जेएनएन : पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में अच्छे पौधों की भूमिका अहम है। कोरोना काल में औषधीय पौधे लोगों के इलाज में कारगार साबित हुए है। संक्रमित मरीजों के लिए घरेलू नुस्खे के तौर पर बनाए गए काढ़ा में आंवला, नीम और तुलसी का विशेष महत्व रहा। इससे औषधीय पौधों का महत्व बढ़ा। वहीं, पर्यावरण प्रेमियों ने भी कोरोना काल में औषधीय पौधे लगाने का काम लगातार किया। कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी पर लोगों को पीपल और बरगद के वृक्ष का महत्व पता चला। इससे पर्यावरण के लिए लाभकारी पौधे लगाने के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ रही है। इस साल वन विभाग ने भी बरगद, पीपल, सहजन आदि के पौधे अधिक लगाने की योजना बनाई है। बरगद और पीपल की विशेष महत्वा

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पौधारोपण के साथ ही संरक्षण भी जरूरी है। फलदार, छायादार के साथ गुणकारी पौधे लगाएं। अच्छे पौधों के रूप में आम, पीपल, बरगद, सहजन, अमलताश, बेलपत्र, आंवला, पाकर, नीम, तुलसी, जामुन ,केला, बांस, चंदन, देवदार, कंजी आदि हैं। बरगद और पीपल के वृक्ष आक्सीजन का स्तर बढ़ाते है। कोरोना काल में आंवला, नीम जैसे गुणकारी वृक्ष कोरोना मरीजों को काढ़ा के रूप में उपयोग में आए। हम विशेष रूप से औषधीय व बरगद व पीपल के पौधे रोपते आ रहे है।

लोकेश अरोरा उर्फ लकी, पर्यावरण प्रेमी

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पांच साल से संगठन पौधारोपण कर रहा है। अब तक 20 हजार पौधे लगाए हैं। संगठन द्वारा लगाए पौधे आज भी जीवित हैं। लेकिन, किसी अन्य के लगवाए पौधों में 50 फीसद ही पौधे संरक्षित हुए है। औषधीय पौधों को रोपने के लिए उनका प्रयास जारी है। पर्यावरण को स्वच्छ रखने को पीपल, बरगद आदि के पौधे अधिक रोपने चाहिए। इनसे छाया संग आक्सीजन भी भरपूर मिलती है। औषधीय पौधों के गुणकारी तत्व देसी इलाज में लाभदायक होते है। पौधे लगाने के साथ इनका संरक्षण भी करना चाहिए।

प्रशांत जैन, पर्यावरण प्रेमी फोटो 16 बीडीएन 20

बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए आक्सीजन रहित पौधों का महत्वपूर्ण योगदान है। कोरोना काल में औषधीय और आक्सीजन वाले पौधे आमजन को कल्याणकारी साबित हुए। औषधीय पौधे देसी इलाज के साथ ही आर्थिक स्थिति के सुधार में लाभदायक है। कोरोना काल में संगठन पदाधिकारियों व सदस्यों ने लगभग 200 पीपल और बरगद के पौधे लगाए। संगठन कई वर्ष से पौधारोपण कर रहा है। इसमें अधिकांश पीपल, बरगद, नीम, अशोक, जामुन और अमरूद के पौधे रोपे जाते है।

ध्रवदेव गुप्ता, संस्थापक युवा मंच संगठन

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