मानसिक मंदित स्वास्थ्य कर्मी को नोटिस
मानसिक मंदित स्वास्थ्य कर्मचारी को नोटिस भेजा गया है।
बदायूं : मानसिक मंदित का प्रमाण पत्र जारी होने के बाद भी जिला अस्पताल में वार्डब्वाय के पद पर नौकरी कर रहे कर्मचारी अनुज कुमार को सोमवार को सीएमएस ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। उसके सारे दस्तावेज भी खंगाले जा रहे हैं। ताकि स्थिति स्पष्ट होने के साथ ही कार्रवाई अमल में लाई जा सके।
अस्पताल में मोर्चरी ड्यूटी करने वाला वार्डब्वाय अनुज ने साल 2016 में नौकरी शुरू की। उसकी ड्यूटी फिलहाल मोर्चरी में लगाई गई है। पिछले दिनों यह खुलासा हुआ कि अनुज मानसिक मंदित है और उसके दिमाग का 50 प्रतिशत हिस्सा ही काम करता है। जानकारी पर सीएमएस ने सोमवार को अनुज समेत उसके वार्डब्वाय पिता को अपने दफ्तर में बुलाकर पूरी जानकारी हासिल की। तब पता लगा कि दिमागी तौर पर परेशान होने के कारण उसका दिमागी विकलांगता का प्रमाणपत्र जारी कराया गया था। ताकि निशुल्क यात्रा समेत दिव्यांगों को मिलने वाली अन्य योजनाओं का लाभ उसे मिल सके। जबकि कुछ दिन बाद उसकी बीमारी ठीक होने पर 2016 से वह अस्पताल में नौकरी कर रहा है।
ऐसे उठा मामले से पर्दा
- पिछले दिनों अनुज सीएमओ कार्यालय में अपने प्रमाणपत्र को ऑनलाइन कराने गया था। वहां एसीएमओ डॉ. केके जौहरी ने उससे पूछताछ की तो पता लगा कि वह जिला अस्पताल का कर्मचारी है। एसीएमओ ने उसका प्रमाण पत्र अपने पास रख लिया। इस पर वह बिगड़ गया और वहां हंगामा खड़ा कर दिया। नतीजतन भीड़ एकत्र हुई और मामला जगजाहिर हो गया। वर्जन
कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके जवाब में वह पूरा मामला खुद स्पष्ट करेगा। प्रकरण सही पाया तो उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. बीबी पुष्कर, सीएमएस जिला अस्पताल
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