जेल में दरी पर बीती पूर्व विधायक योगेंद्र सागर की पहली रात, पूर्व विधायक के इशारे पर बरामद हुई थी छात्रा

Badaun Ex MLA Yogendra Sagar Sentencing Case देर कितनी भी लग जाए लेकिन जीत सच्चाई की ही होती है। झूठ कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो सच को हरा नहीं सकता। यह कुछ कहावतें हैं जिन्हें लिखने और बनाने वाले बड़े तर्जुबेदार रहेंगे।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 01 Nov 2021 03:35 PM (IST) Updated:Mon, 01 Nov 2021 03:35 PM (IST)
जेल में दरी पर बीती पूर्व विधायक योगेंद्र सागर की पहली रात, पूर्व विधायक के इशारे पर बरामद हुई थी छात्रा
जेल में दरी पर बीती पूर्व विधायक योगेंद्र सागर की पहली रात

बरेली, जेएनएन। Badaun Ex MLA Yogendra Sagar Sentencing Case: देर कितनी भी लग जाए, लेकिन जीत सच्चाई की ही होती है। झूठ कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, सच को हरा नहीं सकता। यह कुछ कहावतें हैं, जिन्हें लिखने और बनाने वाले बड़े तर्जुबेदार रहेंगे। जिले में दो दिन पहले हुए बहुचर्चित छात्रा दुष्कर्म कांड में पूर्व विधायक को सजा मिलने के बाद यह कहावतें जरूर दोहराई गईं होंगी। इस मामले में भी तत्कालीन विधायक काे बचाने के लाखों प्रयास हुए, लेकिन आखिर में जीत सच्चाई की हुई। पीड़ितों को इंसाफ मिला और दोषी को जेल की सलाखें।

2008 में जब बिल्सी में यह अपहरण और दुष्कर्म कांड हुआ था, तब बसपा सरकार थी और योगेंद्र सागर बसपा के विधायक थे। सत्ता के विधायक पर आरोपों की झड़ी लगी थी। गांव कस्बों में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन हो रहे थे। लेकिन पुलिस पर कोई प्रभाव नहीं था। जिले और थाने के पुलिस विधायक और उनके शार्गिदों को बचाने में जुटी थी। तत्कालीन बिल्सी थाने के इंस्पेक्टर और पुलिस स्टाफ विधायक के इशारों पर काम कर रहा था।

शनिवार को फैसला आने से पूर्व पीड़िता के वकील एड. अरविंद शर्मा और एड. रोहिताष सक्सेना ने विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट के सामने अपनी दलीलों में इसकी एक एक कड़ी का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया कि पीड़िता के अपहरण से लेकर उसके सामूहिक दुष्कर्म और बाद में उसकी बरामदगी तक पुलिस का सत्ता में बैठे तत्कालीन विधायक योगेंद्र सागर ने किस तरह इस्तेमाल किया।

अधिवक्ताओं ने पुलिस की पूरी कहानी को पीड़िता के बयानों से जोड़ कर पेश किया। बताया कि पीड़िता मुजफ्फर नगर के रेलवे स्टेशन पर खुद नहीं गई थी, बल्कि तत्कालीन विधायक और इस मामले में अभियुक्त योगेंद्र सागर के गुर्गे उसे वहां से लेकर गए थे। जब पीड़िता को मुजफ्फर नगर में छोड़ा गया तो उस वक्त बिल्सी पुलिस वहां पहले से ही मौजूद थी। इसके बाद वकीलों ने बताए गए बुर्के को सील न करना, बताई गई महिला को पेश न करना और युवक को आज तक सामने न लाने के तथ्य भी दिए।

अस्थाई जेल में दरी पर बीती पूर्व विधायक की रात

कोराेना महामारी को देखते हुए जेल में पहुंचने वाले नए कैदियों को अस्थाई जेल में रखा जाता है। जेल के बाहरी हिस्से में इसकी एक सेल अलग बनाई गई है। पूर्व विधायक योगेंद्र सागर को भी अभी वहीं रखा गया है। शनिवार और रविवार पूर्व विधायक इसी अस्थाई जेल में अन्य कैदियों के साथ रहा और रात में यही दरी पर सोया। उसे जेल का ही भोजन खिलाया जा रहा है। उसके द्वारा किसी प्रकार की कोई विशेष मांग नहीं की गई है।

पांच दिन पहले हुई दीवाली

पीड़िता के पक्ष में फैसला आने और पूर्व विधायक को जेल होने की जानकारी के बाद से पीड़ित परिवार के लोग खुश है। वह न्यायपालिका में अपनी आस्था जता रहे हैं। भाई ने वीडियाे बनाकर कहा था कि उन्हें न्याय पालिका पर पूरा भरोसा था। पीड़िता के परिवार वालों को बधाई देने वाले भी पहुंचे। उनके घर पांच दिन पहले ही दीवाली मन गई।

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