अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किए बजाज पिता-पुत्र
हत्या, व रंगदारी समेत गैंगेस्टर के मुकदमों में नामजद दो आरोपित अलग-अलग जेलों में शिफ्ट कर दिए गए।
बदायूं : हत्या, जानलेवा हमला और रंगदारी समेत गैंगेस्टर के मुकदमों में नामजद दीपक बजाज व उसके बेटे शशांक बजाज को अलग जेलों में शिफ्ट कर दिया गया। दीपक को बरेली सेंट्रल जेल तो शशांक को पीलीभीत जिला जेल भेजा गया है। दोनों आरोपित करीब दो साल से बदायूं जेल में बंद थे। दोनों की गतिविधियां जेल में संदिग्ध लगने पर शिफ्ट किया गया।
20 दिसंबर 2013 को दीपक बजाज और उसके बेटे शशांक ने शहर के बक्सा व्यापारी के बेटे दीपू पर फाय¨रग की थी। मामले में दोनों के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन वे पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े। इसके कुछ दिन बाद दोनों ने बक्सा व्यापारी की सरेशाम गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात के बाद दोनों फरार हुए और एक अन्य व्यापारी को फोन पर रंगदारी मांगी। लगातार घटनाओं के दौरान स्वाट टीम ने दोनों को उत्तराखंड के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपितों को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया। तभी से दोनों जिला जेल में निरुद्ध थे। इन पर गैंगेस्टर का मुकदमा भी पुलिस ने लिखा। जेल में रहने के दौरान उनकी गतिविधियां संदिग्ध होने लगी थीं। जेल प्रशासन ने अफसरों को इसकी जानकारी भी दे दी। मामला शासन तक पहुंचा तो अनुसचिव हरि नारायण गिरि ने आइजी जेल को यह निर्देश दिया कि दोनों को अलग कर दिया जाए। इसी आधार पर दीपक बजाज को बरेली सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है। जबकि उसके बेटे शशांक को पीलीभीत जिला जेल भेजा गया है। जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी ने बताया कि दोनों को गैर जेलों में प्रशासनिक आधार पर भेजा गया है।