बदायूं में गंगा के जलस्तर में गिरावट, कटान का खतरा बरकरार
गंगा में आई बाढ़ की स्थिति गंभीर होती दिखने लगी थी। लेकिन नरौरा से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा में कमी आई। इससे गंगा में भी जलस्तर घट गया। हालांकि कटान का खतरा अभी बना हुआ है। जलस्तर घटने से राहत मिलने के आसार हैं।
सहसवान (बदायूं), जेएनएन : गंगा में आई बाढ़ की स्थिति गंभीर होती दिखने लगी थी। लेकिन, नरौरा से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा में कमी आई। इससे गंगा में भी जलस्तर घट गया। हालांकि, कटान का खतरा अभी बना हुआ है। जलस्तर घटने से राहत मिलने के आसार हैं। फिर भी राजस्व विभाग और बाढ़ खंड के अफसर तटवर्ती क्षेत्रों में एहतियात बरत रहे हैं।
नरौरा बैराज से शुक्रवार को गंगा में छोड़े जाने पानी की मात्रा में कमी आई। इससे गंगा के जलस्तर में आंशिक गिरावट दर्ज की गई। कछला में मीटर गेज भी 10 सेमी नीचे आ गया। इससे फिलहाल बाढ़ का खतरा टलने के आसार दिखाई दे रहे हैं। जलभराव की स्थिति अभी भी यथावत बनी है। गंगा जीएम बांध से सट कर बह रही है। हरिद्वार और बिजनौर से लगातार पानी छोडे़ जाने से अभी जलभराव की स्थिति बने रहने की आशंका है। पहाड़ों पर बारिश से पिछले चार दिनों से हरिद्वार से गंगा में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। शुक्रवार को भी एक लाख, छह हजार, 139 क्यूसेक और नरौरा बैराज से शुक्रवार को गंगा में 91 हजार 857 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह गुरुवार के मुकाबले करीब 20 हजार क्यूसेक कम था। कछला में मीटर गेज 10 सेमी खिसक कर 162.30 मीटर पर आ गया। यदि अभी पहाड़ों पर बारिश नहीं होती है और गंगा में और पानी नहीं छोड़ा तो फिलहाल बाढ़ का संकट टलता दिखाई दे रहा है। डिस्चार्ज घटने के बाद भी फसलें जलमग्न हैं। बांध के उस पार बसे गांव भमरौलिया, खागी नगला, परशुराम नगला समेत आधा दर्जन गांवों के चारों ओर बाढ़ का पानी भरा हुआ है। एडीएम वित्त नरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि गंगा में पानी की स्थिति सामान्य है। अभी खतरे की बात नहीं है।
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कछला में स्नान घाट पर कटान से खतरा
संसू, कछला : गंगा नदी के जलस्तर में गिरावट हो रही है, लेकिन कटान हो रहा है। स्नान घाट पर हो रहे कटान से वहां स्नान को जाने वालों के लिए खतरा है। हालांकि इन दिनों गंगा स्नान पर रोक लगी हुई है, लेकिन आसपास के लोग गंगा स्नान को आते रहते हैं।