पाई-पाई का होगा हिसाब, धरातल पर दिखेगा विकास

गांवों में फर्जी तरीके से एस्टीमेट बनाकर सरकारी धन निकालने का खेल खत्म होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 01:16 AM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 01:16 AM (IST)
पाई-पाई का होगा हिसाब, धरातल पर दिखेगा विकास
पाई-पाई का होगा हिसाब, धरातल पर दिखेगा विकास

बदायूं : गांवों में फर्जी तरीके से एस्टीमेट बनाकर सरकारी धन निकालने का खेल खत्म होगा। पूरी व्यवस्था पारदर्शी बनाई गई है। प्रधान और सचिव की मिलीभगत से होने वाला कागजी विकास रोकने के लिए पंचायती राज विभाग ने नई रणनीति तैयार की है। व्यवस्था के तहत गांवों में अब तक हो चुके या फिर होने वाले विकास कार्यों का लेखा-जोखा 12 फिट चौड़े और 10 फिट ऊंचे बोर्ड पर लिखना होगा। जो विकास कार्य पहले हो चुके हैं उनकी कार्ययोजना उसमें चस्पा की जाएगी तो होने वाले विकास कार्यों की लागत और मानक भी दर्ज किए जाएंगे। विकास कार्यों के गुणवत्ता या फिर धांधली की शिकायत कहां की जाएगी वह नंबर भी उस पर दर्ज कराना होगा। इसकी मॉनीट¨रग सीधे तौर पर पंचायती राज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी करेंगे। आजादी के बाद से अब तक गांवों में होने वाला अधिकांश विकास कागजों पर ही होता चला आ रहा है। यहां जो भी विकास कार्य होने हैं उनका इस्टीमेट तैयार कर कार्ययोजना भी कागजी पर ही बन जाती थी। इसके बाद प्रधान, सचिव की आपसी मिलीभगत से उस कार्य का बजट निकाल लिया जाता था। इसी कागजी खेल के चलते गांवों का विकास नहीं हो पाया। हर साल लाखों रुपये शासन हर ग्राम पंचायत के विकास पर खर्च करता और विकास के नाम पर वहां पुराने जैसे ही हालात सामने आते। इस तरह का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद शासन ने व्यवस्था में बदलाव किया। अब जो नई रणनीति तैयार की है उससे कागजी खेल पूरी तरह से बंद हो जाएगा और गांव के विकास को नई दिशा मिलेगी। इंसेट ..

अब गांव सभा की खुली बैठक में ही तय होगा विकास

ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के लिए हर महीने गांव सभा की खुली बैठक कराए जाने का प्रावधान है। बैठक में ग्राम पंचायत के सभी सदस्य तो गांव के सभ्रांत लोग भी शामिल होने का नियम है। उन सभी के बीच ब्लॉक के अधिकारी गांव की जरूरत के हिसाब से विकास कार्य प्रस्तावित करते। लेकिन किसी भी ग्राम पंचायत में गांव सभा की बैठक कोई नहीं करता। कार्यवाही रजिस्टर को मनमाने तरीके से एजेंडा भी जारी कर दिया जाता था। इससे ग्राम पंचायत सदस्य भी आहत होते थे तो गांव में कौन सा विकास होना है इसकी भी जानकारी नहीं मिल पाती थी। वर्जन ..

फोटो 16 बीडीएन- 51

गांवों में अब तक होने वाले विकास कार्यों की कार्य योजना बोर्ड पर चस्पा नहीं की जाती थी। अब हो चुके और होने वाले विकास कार्यों का पूरा एजेंडा बोर्ड पर चस्पा करना होगा। उसपर कौन से कार्य में कितना खर्च हुआ है पूरा ब्यौरा दर्ज कराना होगा। बगैर इसके कोई भी पैसा किसी कार्य को जारी नहीं किया जाएगा। इससे गांव में पारदर्शी व्यवस्था कायम होगी तो कागजी विकास भी रुकेंगे।

- डीके तिवारी, सीडीओ

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