डीएम आवास के सामने शव रखकर की मुआवजे की मांग

सहसवान तहसील के गांव पालपुर के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक की बरेली के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई। वह कोरोना संक्रमित थे। मंगलवार सुबह स्वजन उनके शव को एंबुलेंस में रखकर डीएम आवास पहुंचे। स्वजन ने चुनाव ड्यूटी में संक्रमित होने का आरोप लगा आर्थिक मदद की मांग की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 12:19 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 12:19 AM (IST)
डीएम आवास के सामने शव रखकर की मुआवजे की मांग
डीएम आवास के सामने शव रखकर की मुआवजे की मांग

बदायूं, जेएनएन : सहसवान तहसील के गांव पालपुर के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक की बरेली के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई। वह कोरोना संक्रमित थे। मंगलवार सुबह स्वजन उनके शव को एंबुलेंस में रखकर डीएम आवास पहुंचे। स्वजन ने चुनाव ड्यूटी में संक्रमित होने का आरोप लगा आर्थिक मदद की मांग की। स्वजन चार घंटे तक डीएम आवास के सामने रोते रहे। लेकिन, डीएम आवास से बाहर नहीं निकलीं। सिविल लाइंस थाना पुलिस के साथ एसडीएम सदर लाल बहादुर मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्वजन की बात सुनकर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। फिर स्वजन ने कछला ले जाकर प्रधानाध्यापक के शव की अंत्येष्टि की।

उझानी के मुहल्ला कृष्णा कालोनी निवासी प्रधानाध्यापक देशपाल सिंह की पंचायत चुनाव में कादरचौक में पीठासीन अधिकारी के रूप में ड्यूटी लगी। स्वजन के अनुसार इसी दौरान वह संक्रमित हो गए। हालत खराब होने पर स्वजन उन्हें बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। सोमवार रात उनकी मौत हो गई। स्वजन मंगलवार सुबह पांच बजे उनके शव को लेकर डीएम आवास पहुंचे। शव एंबुलेंस में रखा था। स्वजन ने डीएम आवास का घेराव कर पंचायत चुनाव में पीठासीन अधिकारी बनाने पर ही उनके संक्रमित होने का आरोप लगाया। इससे प्रशासनिक हलके में खलबली मच गई। चार घंटे तक स्वजन डीएम आवास पर रहे। लेकिन, डीएम बाहर नहीं आई। सूचना पर सिविल लाइंस थाना पुलिस और एसडीएम सदर लाल बहादुर पहुंचे। एसडीएम ने स्वजन को प्रशासन से हरसंभव मदद दिलवाने का भरोसा दिलाया, तब स्वजन शांत हुए। सदर एसडीएम ने बताया कि प्रकरण की जांच कराएंगे। इंसेट

इलाज में लाखों खर्च, बेटियों की शादी की चिंता

बेटे प्रशांत पाल ने बताया कि पिता पंचायत ड्यूटी में संक्रमित हुए। फिर भी उन्हें जिला प्रशासन से पिता के इलाज के लिए मदद नहीं मिली। पिता के इलाज में लाखों रुपये खर्च हो गए। घर में दो बड़ी बहनें हैं। अब उनकी शादी की जिम्मेदारी उनके कंधे पर है। वह डीएम से मदद की गुहार लगाने आए थे। उनके आवास पर सुबह पांच से नौ बजे तक खड़े रहे। लेकिन, सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों ने दस बजे के बाद मुलाकात होने की बात कहीं। उनकी मांग की है कि सरकार से उन्हें आर्थिक सहायता दिलाई जाए। वर्जन ::

सुबह कुछ लोग आवास के बाहर आए। स्वजन चुनाव ड्यूटी करने की बात कर रहे थे। पता चला कि कोरोना संक्रमित एक शिक्षक की बरेली में मौत हुई है। चुनाव खत्म हुए एक माह हो गया। फिर भी जांच कराकर हरसंभव मदद दिलाएंगे।

- दीपा रंजन, जिलाधिकारी

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