गांवों में तैनात होंगे कोरोना वालंटियर, करेंगे जागरूक

जागरण संवाददाता बदायूं कोरोना महामारी को लेकर शहरी तो ज्यादातर नियमों का पालन कर रहे हैं लेकिन गांवों में आज भी जागरुकता की कमी है। ग्रामीण बिना मास्क के घूम रहे हैं और शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा। इसलिए गांवों में निवास करने वाले राष्ट्रीय सेवायोजना के स्वयंसेवकों को कोरोना वालंटियर्स बनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 12:21 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 12:21 AM (IST)
गांवों में तैनात होंगे कोरोना वालंटियर, करेंगे जागरूक
गांवों में तैनात होंगे कोरोना वालंटियर, करेंगे जागरूक

जागरण संवाददाता, बदायूं : कोरोना महामारी को लेकर शहरी तो ज्यादातर नियमों का पालन कर रहे हैं लेकिन गांवों में आज भी जागरुकता की कमी है। ग्रामीण बिना मास्क के घूम रहे हैं और शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा। इसलिए गांवों में निवास करने वाले राष्ट्रीय सेवायोजना के स्वयंसेवकों को कोरोना वालंटियर्स बनाया जाएगा। जो तीन महीने अपने-अपने गांवों में कोरोना से बचाव को पाठ पढ़ाएंगे। यूनिसेफ की ओर से 123 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया है। गोट दीक्षा व एनएसएस में काम करने का सार्टिफिकेट, एंड्रॉयड मोबाइल होने के साथ उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच होनी अनिवार्य किया गया है।

हर गांव में कम से कम एक कोरोना वालंटियर तैयार करने की योजना है। जो ग्रामीणों को भी इस महामारी के बारे में अवगत कराएं और सुरक्षित रखने के लिए जागरूक करें। पहले चरण में 123 ने आवेदन किया था। जिन्हें यूनीसेफ की ओर से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है। तीन महीने के काम के दौरान वॉरियर्स कोरोना संक्रमित व उनके संपर्क में आए व्यक्ति की निगरानी करेंगे, सामाजिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाएंगे, समय-समय पर सूचना स्वास्थ व पुलिस विभाग को देंगे। साथ ही कोरोना से बचाव का प्रचार-प्रसार भी करेंगे। अपने गांव में प्रवास करते हुए पुलिस प्रशासन, स्वास्थ विभाग से समन्वय स्थापित करके गांव में सौहार्दपूर्ण वातावरण में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी करेंगे। काम के बाद वालंटियर्स को शासन से प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

वर्जन..

फोटो 12 बीडीएन 25

गांवों में कोरोना वालंटियर्स को तैनात किया जाएगा। जो ग्राीणों को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक करेंगे। उन्हें सुरक्षा के उपकरण मिलेंगे और मुफ्त बीमा भी कराया जाएगा। तीन महीने जागरूक करने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

- डॉ. राकेश कुमार जायसवाल, एनएसएस, जिला नोडल अधिकारी

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