बदायूं में एंटीजन जांच में कोरोना निगेटिव निकलीं जुड़वां बच्चियां

कोरोना काल में लक्ष्मी स्वरूप दो जुड़वां बिचयों के जन्म से घर में खुशी का माहौल है। दोनों बिचयां भी निगेटिव है। लेकिन उनकी मां शालिनी अभी संक्रमित है। उनका राजकीय मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है। स्वस्थ बिचयों के जन्म की खबर से उनकी मां भी सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को हराने के लिए स्वयं को स्वस्थ महसूस कर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 12:36 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 12:36 AM (IST)
बदायूं में एंटीजन जांच में कोरोना निगेटिव निकलीं जुड़वां बच्चियां
बदायूं में एंटीजन जांच में कोरोना निगेटिव निकलीं जुड़वां बच्चियां

बदायूं, जेएनएन : कोरोना काल में लक्ष्मी स्वरूप दो जुड़वां बच्चियों के जन्म से घर में खुशी का माहौल है। दोनों बच्चियां भी निगेटिव है। लेकिन, उनकी मां शालिनी अभी संक्रमित है। उनका राजकीय मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है। स्वस्थ बच्चियों के जन्म की खबर से उनकी मां भी सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को हराने के लिए स्वयं को स्वस्थ महसूस कर रही है।

कोरोना संक्रमण काल में इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गांव भवानीपुर की शालिनी शर्मा सात माह की गर्भवती थी। पिछले दिनों वह संक्रमित हो गई। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें राजकीय मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। सोमवार दोपहर शालिनी ने जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। दोनों ही बच्चियां स्वस्थ हुईं। मेडिकल प्रशासन ने बच्चियों को संक्रमण से दूर रखने के लिए और उनकी कमजोर स्थिति को देखते हुए महिला जिला अस्पताल के एनआइसीयू वार्ड में रेफर कर दिया। यहां उनकी देखभाल की जा रही है।

मंगलवार को हुई दोनों बच्चियों की जांच

मंगलवार को दोनों बच्चियों की एंटीजन किट से कोरोना जांच की गई। जांच में दोनों ही बच्चियां निगेटिव निकली। इससे स्वजन में खुशी का माहौल है। वहीं दोनों बच्चियों की आरटीपीसीआर सैंपल भी लिया है, जिसकी रिपोर्ट तीन दिन बाद आएगी। बहरहाल बच्चियां एवं उनकी संक्रमित मां शालिनी स्वस्थ है। स्टाफ में मीनू और प्रीति समेत अन्य स्टाफ बच्चियां की देखभाल कर रही है। एनआईसीयू वार्ड के प्रभारी डा. संदीप वाष्र्णेय ने बताया, बच्चियां शारीरिक रूप से कमजोर है। इनसेट ::

कोविड के लिए आरक्षित बेड पर आक्सीजन सपोर्ट से देखभाल

डा. संदीप वाष्र्णेय ने दोनों बच्चियां प्रीमैच्योर है। दोनों का वजन भी काफी कम है। उन्होंने बताया कि समय पूर्व डिलीवरी से बच्चियां कमजोर हैं। एक बच्ची का वजन एक किलो 50 ग्राम और दूसरी का एक किलो 100 ग्राम है। बच्चियों को कोविड के आरक्षित बेड पर आक्सीजन सपोर्ट पर देखभाल की जा रही है।

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