आपरेशन मुस्कान को चाइल्ड लाइन ने पछाड़ा
पुलिस का आपरेशन मुस्कान कारगर साबित नहीं दिख रहा है। चाइल्ड हेल्पलाइन आगे निकल गई।
बदायूं : पुलिस का आपरेशन मुस्कान कारगर साबित नहीं दिख रहा है। जबकि चाइल्ड हेल्पलाइन के काम में तेजी दिख रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो पुलिस को इस हेल्पलाइन ने बदायूं में पीछे छोड़ दिया है।
शासन द्वारा गठित चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम हर महीने 25 से 30 बच्चों को बरामद करती है। इनमें कुछ अपने परिजनों से बिछुड़े होते हैं तो कुछ खरीद-फरोख्त कर लाए हुए होते हैं। वहीं इलाज समेत बाल विवाह से जुड़े मामलों में भी टीम ने काफी हद तक पाबंदी लगाई है। इधर, पुलिस के आपरेशन मुस्कान में इस साल अभी तक 37 बच्चों की गुमशुदगी दर्ज हुई और नौ बच्चे बरामद हुए। ऐसे रही कार्रवाई
चाइल्ड लाइन ने एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 तक खोए हुए 65 बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया है। वहीं 110 बच्चों को चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई। यौन उत्पीड़न के मामलों में फंसे पांच बच्चे बचाए। नौ बाल विवाह भी रुकवाए। जबकि 20 ऐसे बच्चों की मदद की गई है जो बालश्रम के दलदल में धंसे थे। टेलीफोन के बिल से भी हो रहा प्रचार
बीएसएनएल के बेसिक फोन के बिल पर भी अब चाइल्ड हेल्पलाइन का प्रचार हो रहा है। ताकि किसी भी व्यक्ति को कोई बच्चा भटकता हुआ मिले तो हेल्पलाइन की मदद से उसे परिजनों तक पहुंचाया जा सके। वर्जन
हर महीने 25 से 30 बच्चे हमारी टीम बरामद करती है, कुछ परिवार वालों से बिछुड़े होते हैं तो कुछ के साथ अपराध हो रहा होता है। हमारी टीम लगातार काम कर रही है। पुलिस से भी जरूरत पड़ने पर सहयोग लिया जाता है।
- मुहम्मद इमरान, जिला कोऑर्डिनेटर, चाइल्ड हेल्पलाइन