अव्यवस्थाओं के बीच मरीज भी खा रहे चक्कर

जिले में फैले बुखार के कारण पहले से चरमराई जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं अब ध्वस्त हो चुकी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 12:34 AM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 12:34 AM (IST)
अव्यवस्थाओं के बीच मरीज भी खा रहे चक्कर
अव्यवस्थाओं के बीच मरीज भी खा रहे चक्कर

बदायूं : जिले में फैले बुखार के कारण पहले से चरमराई जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं अब ध्वस्त हो चुकी हैं। मरीज किसी वार्ड में भर्ती किए जाते हैं। कुछ देर बाद वह किसी अन्य वार्ड में नजर आता है। इससे तीमारदारों से लेकर रिश्तेदार तक मरीज को तलाशने में चक्कर खाते रहते हैं। वहीं, दिव्यांगों को पर्चा बनाने की व्यवस्था भी भंग चल रही है। ऐसे में दिव्यांग भीड़ कम होने के इंतजार में कई-कई घंटे परेशान रहते हैं।

जिला अस्पताल में हर वार्ड में बुखार के मरीज भर्ती हैं। जिम्मेदारों का दावा है कि अब बुखार का प्रकोप कम होने के कारण बेड खाली हो गए हैं। जबकि अभी भी तमाम मरीजों का बेंच पर इलाज किया जा रहा है। ओवरलोड अस्पताल में अब सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि तेज बुखार से ग्रसित मरीजों या हादसे व मारपीट में घायल हुए लोगों को पहले इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया जाता है। जबकि इसके बाद उस वार्ड का स्टाफ इन मरीजों को कभी आर्थो, कभी मेडीसिन तो कभी जनरल वार्ड में भर्ती कर देता है। कभी-कभी रैन बसेरे में भी इन मरीजों को शिफ्ट कर दिया जाता है। दिक्कत उन लोगों को ज्यादा होती है जो देहात इलाकों से आते हैं। उन्हें पता होता है कि मरीज आर्थोवार्ड में भर्ती है। जबकि किसी कारणवश मोबाइल पर संपर्क न होने के कारण वे आर्थोवार्ड पहुंचते हैं तो वहां मरीज नहीं मिलता है। शौचालय का टूटा पड़ा है गेट

अस्पताल के शौचालय का गेट टूट चुका है। ऐसे में मरीज या तीमारदारों में से एक व्यक्ति को बाहर खड़े होकर रखवाली करना पड़ती है। वहीं ओपीडी में स्टाफ बैठने से कतराता है। कई डॉक्टर हाजिरी लगाने के बाद कभी राउंड लेने के नाम पर तो कभी जरूरी काम से जाने की बात कहकर चले जाते हैं और मरीज भटकते रहते हैं। यहां तैनात चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों से पहले से ही किसान यूनियन समेत अन्य संगठन अशोभनीय व्यवहार के कारण खफा हैं। वर्जन

अब मरीजों की संख्या ओपीडी और इमरजेंसी दोनों ओर घटी है। बुखार कम होने लगा है। हालांकि जो भी मरीज आते हैं, उनका इलाज किया जा रहा है। व्यवस्थाएं सुधारी जा रही हैं। आने वाले दिनों में परिवर्तन दिखेगा।

डॉ. भारत भूषण, सीएमएस जिला अस्पताल

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