संतुलित दिनचर्या और दवा से मधुमेह पर काबू संभव
मधुमेह की भयावहता किसी से नहीं छिपी है। इसकी चपेट में आने वाले मरीजों को इलाज से राहत मिल सकती है।
बदायूं : मधुमेह की भयावहता किसी से नहीं छिपी है। इसकी चपेट में आने वाले मरीजों को लंबे इलाज के बाद ही राहत मिल सकती है। वहीं बीमारी अगर विकराल रूप ले ले तो कई अन्य बीमारियां भी मरीज को घेर लेती हैं। अकेले जिला अस्पताल में ही इस बीमारी से ग्रसित 80 से 90 मरीज रोजाना आते हैं। इन मरीजों को जहां चिकित्सक खानपान में परहेज बताते हुए संतुलित आहार की राय दे रहे हैं। वहीं दवाओं से भी इलाज किया जा रहा है।
मधुमेह दो प्रकार की होती है। डॉक्टरों की भाषा में एक को इंसुलिन डिपेंडेंट कहा जाता है। जबकि दूसरी नान इंसुलिन डिपेंडेंट। इंसुलिन डिपेंडेंट मधुमेह अधिकांशत: बच्चों से लेकर युवाओं में पाई जाती है। इसकी मुख्य वजह अनुवांशिक लक्षण रहते हैं। ऐसे मरीजों को इंसुलिन के बिना बीमारी से दूर नहीं रखा जा सकता। जबकि नान इंसुलिन डिपेंडेंट वाली मधुमेह उम्रदराज लोगों को घेरती है। अधेड़ से लेकर वृद्ध तक इसकी चपेट में आ जाते हैं। वजह धूम्रपान से लेकर ब्लड प्रेशर, मोटापा या अवसाद के कारण यह बीमारी पनपती है। ऐसे मरीजों को दवाओं के बलबूते ठीक किया जा सकता है। ये हैं लक्षण
मधुमेह में मरीज को पेशाब ज्यादा आती है। पानी भी ज्यादा पीते हैं, भूख भी लगने लगती है। किसी भी काम में उनकी रुचि नहीं रहती। शरीर में हर वक्त थकान रहेगी और हाथ पैरों में दर्द भी रहता है। वहीं इस बीमारी से ग्रसित मरीजों के शरीर पर कोई घाव होने पर वह जल्दी नहीं भरता। लंबे समय तक यह बीमारी होने से नसों के जरिये दिमाग और किडनी पर भी असर डालने लगती है। लोगों की यादाश्त कम हो जाती है और मोतिया¨बद जैसे लक्षण भी आ जाते हैं।
यह हैं बचाव
शुगर के मरीजों को दवा के साथ सबसे पहले वजन घटाना जरूरी होता है। तनावमुक्त रहते हुए पौष्टिक भोजन लें। मीठी और चिकनाई युक्त वस्तुओं से परहेज जरूरी होता है। सुबह शाम टहलना भी इस बीमारी पर काफी हद तक काबू पाने में सहायक होता है।
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जब हमारे शरीर में शर्करा की मात्रा ज्यादा हो जाए और उसका उपयोग नहीं हो पाता तो मधुमेह की बीमारी होती है। हमारे यहां रोजाना इस बीमारी के मरीज आते हैं। उनको पौष्टिक आहार लेने समेत तनावमुक्त रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। संतुलित दिनचर्या और दवाओं से इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।
- डॉ. राजेश वर्मा, वरिष्ठ फिजिशियन जिला अस्पताल