बदायूं के मरीजों का लखनऊ में होगा निश्शुल्क इलाज
अगर आप हेपेटाइटिस बी अथवा सी संक्रमण से ग्रसित हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच कर चिह्नित करेगी। लखनऊ में वायरल लोड की जांच के साथ मुफ्त इलाज मिलेगा। इसके लिए वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।
जेएनएन, बदायूं : अगर आप हेपेटाइटिस बी अथवा सी संक्रमण से ग्रसित हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच कर चिह्नित करेगी। लखनऊ में वायरल लोड की जांच के साथ मुफ्त इलाज मिलेगा। इसके लिए वायरल, हेपेटाइटिस कंट्रोल कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। बदायूं जिले के मरीजों की जांच और इलाज को छत्रपति साहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ (केजीएमसी) को नामित किया है। मरीज सिर्फ आने-जाने का खर्च वहन करेगा। इलाज का सभी खर्च सरकार उठाएगी। हेपेटाइटिस बी को खतरनाक संक्रमण माना जाता है। वजह यह शांत संक्रमण है। धीरे-धीरे लीवर को संक्रमित करता है। शुरूआत में मरीज को कोई दिक्कत नहीं होती। लेकिन, 60 से 150 दिन के बाद लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक के अनुसार रक्त के माध्यम से, असुरक्षित यौन संबंध, दूसरे के लिए प्रयोग की गई सुई के उपयोग और संक्रमित मां से शिशु में पहुंचता है। हेपेटाइटिस बी और सी का टीकाकरण भी होने लगा है। लेकिन, महंगा होने से आम आदमी उपचार नहीं करा पाता। सरकार ने इस बीमारी का उपचार अब आसान कर दिया है। शासन स्तर से शुरू किए वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम में अब जिला मुख्यालय से लेकर पीएचसी, सीएचसी एवं निजी अस्पतालों से भी हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों का डेटा संकलित कराया जा रहा है। यह डेटा स्वास्थ्य विभाग के संक्रामक रोग सेल से सीधे केजीएमसी लखनऊ को भेजेंगे। मरीज को भी यह बताया जाएगा कि लखनऊ जाकर जांच और निश्शुल्क इलाज करा सकता है। इनसेट ::
हेपेटाइटिस बी व सी के लक्षण
हेपेटाइटिस बी एवं सी संक्रमण के बाद मरीज को भूख नहीं लगती है। जोड़ों और मांस पेशियों में दर्द, जी मचलाना, हल्का बुखार, पेट फूलना, पेट में दर्द बना रहता है। वर्जन ::
हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों के लिए सरकार ने वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम शुरू किया है। इसमें विभागीय टीम जांच कर मरीजों को चिह्नित कर सूची लखनऊ भेजेगी। मरीज को सिर्फ केजीएमसी लखनऊ पहुंचना होगा। वहां वायरल लोड की जांच से लेकर दवा तक सभी मुफ्त मिलेगा।
- डा.कौशल गुप्ता, संक्रामक रोग विशेषज्ञ