अधिवक्ता बोला- मैं अकेला नहीं, विभाग के लोग भी थे शामिल, कृषक दुर्घटना बीमा योजना के 20 लाख रुपये गबन मामले में अधिवक्ता गया जेल
जेएनएन जागरण संवाददाता बदायूं सलारपुर ब्लाक के कुनार गांव के चार युवकों की मौत के बा
जेएनएन, जागरण संवाददाता, बदायूं : सलारपुर ब्लाक के कुनार गांव के चार युवकों की मौत के बाद उनके स्वजन को मिले वाले मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा में एक अधिवक्ता ने विभाग के बाबुओं के साथ मिलकर खेल कर दिया। चारों युवकों के पांच-पांच लाख रुपये उनकी जगह अपने व अपने स्वजन के खातों में डलवा दिए। मामले में अधिवक्ता और उनके तीन स्वजन के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। रविवार को अधिवक्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जेल जाने से पहले अधिवक्ता ने बताया कि इस पूरे खेल में वह अकेला नहीं था, लेखपाल, संबंधित विभाग के बाबू समेत अन्य लोग भी शामिल थे। अब पुलिस विवेचना में आगे और नाम खोल सकती है।
कृषक दुघर्टना बीमा योजना में गबन के मामले में पीड़ितों की ओर से डीएम दीपा रंजन से शिकायत की गई थी। इसके बाद डीएम ने तहसीलदार सदर, एलडीएम, अतिरिक्त एसडीएम और एसडीएम सदर की कमेटी बनाकर मामले की जांच कराई। मामले में सामने आया कि ट्रेजरी से योजना का लाभ देते हुए चार लोगों के खाते में धनराशि 20 लाख रुपये भेजी गई है। लेकिन आवेदकों ने जो खाते नंबर दिए थे वह खाते अलग थे। जिन बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ वह आवास विकास कालोनी निवासी अधिवक्ता महेश कुमार सिंह, उनके भाई अशोक कुमार, मां दुलारो देवी व पिता नंदराम के इंदाचौक शाखा यूको बैंक के खाते में भेजी गई है। जांच में प्रथम दृष्टया अधिवक्ता महेश कुमार सिंह को दोषी मानते हुए उनके व उनके स्वजन के खिलाफ तहसीलदार सदर करनवीर सिंह ने शनिवार को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपित महेश कुमार सिंह को रविवार को सिविल लाइंस पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इससे पहले आरोपित ने पूछताछ में बताया कि इस पूरे खेल में वह अकेला नहीं था, बल्कि लेखपाल, एक बड़े अधिकारी के स्टेनो, दैवीय आपदा विभाग से संबंधित व अन्य लोग शामिल है। अब पुलिस विवेचना के दौरान सामने आए तथ्यों में अन्य लोगों के नाम भी शामिल कर सकती है। यह था मामला
25 अक्टूबर 2020 को ब्लाक सलारपुर क्षेत्र के गांव कुनार निवासी सचिन, आजाद, योगेंद्र व देव समेत अन्य युवक सेना भर्ती की तैयारी करने के लिए दौड़ लगाने गए थे। सुबह चार बजे करीब बदायूं मुरादाबाद हाइवे पर तेज रफ्तार कार ने उन चारों को टक्कर मार दी थी। जिससे सचिन, आजाद, योगेंद्र व देव की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद चारों मृतक के स्वजन की ओर से जिलाधिकारी से मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना योजना के तहत मदद दिलाए जाने की मांग की थी। चारों युवकों के पास खेती थी, इसके चलते उनके आवेदन स्वीकार करते हुए मृतक दुर्घटना की राशि पांच-पांच लाख रुपये खाते में ट्रांसफर कर दी गई। इसी बीच कोरोना संक्रमण फैल जाने के चलते मृतक युवकों के स्वजन बैंक नहीं जा पाए। लेकिन जब संक्रमण खत्म होने के बाद वह लोग बैंक गए तो उनके द्वारा दिए गए प्रथमा बैंक के खाते में योजना के तहत डाले गए पांच पांच लाख रुपये आए ही नहीं थे। इस पर उन्होंने फिर जिलाधिकारी दीपा रंजन के समक्ष पेश होकर जानकारी दी। जिसमें जिलाधिकारी ने जांच कराई तो गबन का पूरा मामला सामने आया। वर्जन
जांच के बाद जो तथ्य सामने आए उसके आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें गड़बड़ी कई स्तर पर संभव है। वह पुलिस की जांच का विषय है। पुलिस जांच कर रही है।
- नरेंद्र बहादुर सिंह, एडीएम एफआर व नोडल अधिकारी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा
आरोपित अधिवक्ता महेश कुमार सिंह को जेल भेज दिया है। उसने पूछताछ में विभाग के कई और लोगों के शामिल होने की बात बताई है। यह भी बताया कि वह 16 लाख रुपये पीड़ितों का वापस कर चुका है। शेष रकम भी वापस करने को तैयार है।
- संजीव कुमार शुक्ला, इंस्पेक्टर सिविल लाइंस