प्रशासन का दावा ध्वस्त, 41 सेंटरों पर शुरू नहीं हो सकी खरीद

जेएनएन बदायूं कोरोना महामारी में सारे दावे ध्वस्त हो गए हैं। कागजों में पहली अप्रैल से ही

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 11:51 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 11:51 PM (IST)
प्रशासन का दावा ध्वस्त, 41 सेंटरों पर शुरू नहीं हो सकी खरीद
प्रशासन का दावा ध्वस्त, 41 सेंटरों पर शुरू नहीं हो सकी खरीद

जेएनएन, बदायूं : कोरोना महामारी में सारे दावे ध्वस्त हो गए हैं। कागजों में पहली अप्रैल से ही गेहूं खरीद शुरू की जा चुकी है, लेकिन धरातल पर स्थिति बेहद खराब है। 121 में 41 सेंटरों पर अभी खरीद ही शुरू नहीं हो सकी है। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान सेंटर बंद मिले थे, सख्त निर्देश के बाद भी केंद्र क्रियाशील नहीं कराए जा सके।

जिले के 80 क्रय केंद्रों पर गुरुवार को 1689 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। अब तक 1779 किसानों से 8778 एमटी गेहूं की खरीद की जा चुकी है। दावा किया जा रहा है कि खरीद के तीन दिन के भीतर किसानों के खातों में भुगतान कर दिया जा रहा है। अधिकारी पंचायत चुनाव के मतदान में व्यस्त रहे और अब कोरोना संक्रमित चल रहे हैं। इन हालातों में गेहूं खरीद में माफिया सक्रिय हो गए हैं। क्रय केंद्रों पर जिम्मेदारों की मिलीभगत से बिचौलिया गेहूं तौल करा ले रहे हैं, जबकि सामान्य किसान परेशान हो रहे हैं। डिप्टी आरएमओ प्रकाश नारायण का कहना है कि सेंटरों पर पंजीकृत किसानों का ही गेहूं खरीदा जा रहा है। समय से भुगतान भी कराया जा रहा है। बिल्सी गेहूं क्रय केंद्र पर हुई 150 क्विंटल खरीद

संस, बिल्सी : नगर के मंडी समिति स्थित गेहूं क्रय केंद्र पर गुरुवार को 150 क्विंटल गेहूं की तौल हुई। यहां गेहूं की खरीद ठप पड़ी थी। दो दिनों से गेंहू खरीद शुरू हो जाने से किसान भी राहत की सांस ले रहे हैं। क्रय केंद्र प्रभारी विजय दीप ने बताया कि 35 किसान टोकन लेकर गए हैं। नियमित खरीद चलेगी, किसानों का अधिक से अधिक गेहूं खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने पंजीकरण नहीं कराया है वह पंजीकरण जरूर करा लें।

बिसौली में 22 दिन में महज 262 क्विंटल खरीद

संस, बिसौली : नगर में 22 दिनों से खुले दो सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर सिर्फ 262 क्विटल गेहूं की ही खरीद की गई है। यह दोनों केंद्र मंडी समिति में खुले हैं। एक केंद्र मंडी समिति का है तो दूसरा भटपुरा सहकारी समिति का। जबकि क्षेत्र में अधिकांश गेहूं की कटाई भी हो चुकी है। यह बात सही है कि किसान अभी तक पंचायत चुनाव में व्यस्त था, लेकिन फिर भी इतनी कम तौल होना गले नहीं उतर रहा। उससे बड़ी बात तो यह है कि यह लापरवाही अधिकारियों की नाक तले हो रही है। ऐसे में मानक के अनुरूप खरीद होना असंभव दिखाई दे रही है।

किसानों की बात :

किसान को अपनी अगली फसल के लिए भी धन की जरूरत होती है। इसलिए वह प्राइवेट दुकानों पर गेहूं बेचने को मजबूर हैं।

- भगवान सरन सरकार भुगतान में काफी देर लगाती है। अभी तक धान खरीद का रूपया तक किसान के खातों में नहीं आया है।

- ब्रह्मप्रकाश

किसान गरीब है। जैसे तैसे तो उसकी मेहनत का फल सामने आता है। इसके बाद पहाड़ जैसी जरूरतें पूरी करने के लिए उसे रुपये की जरूरत होती है।

- मुरारी लाल

किसान को अपनी उपज का तत्काल नकद मूल्य चाहिए। उसकी जरूरतें भी पूरी होनी चाहिए।

- गौरी शर्मा

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