ढूंढ़ना नहीं पड़ेगा, ब्लाक मुख्यालय पर ही मिलेंगे वीडीओ

नई सुविधा -10 अधिकारियों के जिम्मे 48 ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारीे से थी मुश्किल - शिकायत

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 05:54 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:54 PM (IST)
ढूंढ़ना नहीं पड़ेगा, ब्लाक मुख्यालय पर ही मिलेंगे वीडीओ
ढूंढ़ना नहीं पड़ेगा, ब्लाक मुख्यालय पर ही मिलेंगे वीडीओ

नई सुविधा

-10 अधिकारियों के जिम्मे 48 ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारीे से थी मुश्किल

- शिकायत पर ब्लाक प्रशासन की व्यवस्था, सप्ताहिक रिपोर्ट भी देंगे

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : पल्हना ब्लाक क्षेत्र के ग्रामीणों को अब अपने ग्राम पंचायत अधिकारियों को ढूंढ़ना नहीं पड़ेगा। अलबत्ता ग्राम पंचायत अधिकारी नियमित ब्लाक मुख्यालय स्थित अपने पटल पर रोजाना दो घंटे ग्रामीणों की समस्याएं सुनने को मौजूद रहेंगे। उन्हें एक सप्ताह की रिपोर्ट भी बाकायदा तैयार कर खंड विकास अधिकारी व ब्लाक प्रमुख को सौंपना होगा।

पल्हना ब्लाक के अंतर्गत 48 ग्राम पंचायतें आती हैं। ग्राम पंचायतों के विकास को रफ्तार देने के लिए सरकार ने ग्राम पंचायत अधिकारियों की नियुक्ति की है। इसके पीछे की मंशा ग्राम प्रधानों संग मिलकर विकास कार्याें को रफ्तार देना है। लेकिन मैन पावर की कमी के कारण एक-एक ग्राम पंचायत अधिकारियों के जिम्मे चार से पांच गांवों की कमान सौंपी गई हैं। ऐसे में ग्रामीणों के लिए इन्हें ढूंढ़ पाना मुश्किल हो रहा था। ग्रामीणों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए ब्लाक मुख्यालय प्रशासन ने ग्राम पंचायत अधिकारियों को रोजाना दो घंटे सुनवाई के निर्देश दिए हैं। रणनीति जमीन पर उतरे इसके लिए अधिकारियों को साप्ताहिक रिपोर्ट भी भी ब्लाक प्रमुख देने के निर्देश हैं। जिससे यह पता चल सके कि आखिर में किस गांव से कितने ग्रामीण अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे। उनकी समस्याएं क्या थीं। कितने का निदान हुआ और नहीं हुआ तो क्यों? बीडीओ स्तर की समस्याएं होंगी तो सप्ताह में उनके स्तर से फाइलें निबटाई जाएंगी।

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ग्राम पंचायत अधिकारियों के कार्य

1-ग्राम सभा की बैठकें कराना।

2-गरीबों के आवास व राशन कार्ड बनवाना।

3-मनरेगा के विकास कार्य कराना।

4-सड़क, गली, निर्माण, पंचायत भवन बनवाना।

5-जम्न मृत्यु प्रमाणपत्र और कुटुंब रजिस्टर बनवाना।

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'ग्राम पंचायत अधिकारियों के जिम्मे कई कार्य होते हैं। एक-एक अधिकारी के पास चार से पाचं गांव हैं। ऐसे में उन्हें ढूंढ़ पाना वाकई ग्रामीणों के लिए मुश्किल था। ऐसे में मैने दो घंटे रोजाना सुनवाई की व्यवस्था कराई है। ग्रामीण 10 से 12 के बीच अपने ग्राम पंचायत अधिकारियों से मिलकर समस्या का समाधान करा पाएंगे। निबटारा न होने एक सप्ताह बाद समस्याएं बीडीओ के पास पहुंच जाएंगी।'

अनुराग सिंह, ब्लाक प्रमुख।

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