शेर पर सवार तो कहीं चक्र पर घूम रहीं देवी मइया

मौसम साफ होने के साथ पंडालों में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना का दौर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 06:47 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 06:47 PM (IST)
शेर पर सवार तो कहीं चक्र पर घूम रहीं देवी मइया
शेर पर सवार तो कहीं चक्र पर घूम रहीं देवी मइया

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मौसम साफ होने के साथ पंडालों में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना का दौर तेज हो गया है। कहीं शेर पर सवार तो कहीं चक्र पर घूमकर माता रानी भक्तों को आशीर्वाद दे रही हैं। हर तरफ दुर्गा पूजा के साथ दशहरा की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। एक तरफ मां के जयकारे से पूरा वातावरण सुबह-शाम गूंज रहा है। वहीं प्रतिमा स्थापना के लिए पंडालों को सुंदर रूप देने के लिए कारीगर दिन-रात जुटे हुए हैं।

आमतौर पर सप्तमी तिथि को प्रतिमा स्थापना होती है। उस दिन के लिए मिले आर्डर को पूरा करने के लिए मूर्ति कलाकार प्रतिमाओं में रंग भरने का काम तेज कर दिए हैं। विद्युत सजावट का काम भी शुरू हो गया है।

शहर के दलालघाट पर प्राचीन धर्म रक्षक दल, पुरानी कोतवाली पार्क में जय मां अंबे पूजा समिति और आसिफगंज में श्री दुर्गा पूजा मंडप समिति की ओर से भव्य पंडाल बनाया गया है। देवी मइया की विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर प्रतिमा स्थापित की गई। दर्शन-पूजन को श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने लगी है। ग्रामीण अंचलों में बने पूजा पंडालों में भी देवी प्रतिमाओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। सप्तमी से प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का क्रम शहर में भी तेज हो जाएगा। कुछ स्थानों पर प्राण प्रतिष्ठा भी हो गई है। शहर में प्राण प्रतिष्ठा का कोई निर्धारित समय नहीं है। कहीं पहले दिन प्रतिमा की स्थापना हो जाती है, तो कहीं सप्तमी के बाद भी होती है। माहुल : नगर में सोमवार की शाम छह बजे नौ पूजा पंडालों में स्थापित देवी प्रतिमाओं के पट एक साथ खोले गए। मां के जयकारे से पूरा नगर भक्ति के सागर में गोता लगाता रहा।

50 वर्षो से माहुल नगर में नौ स्थानों पर पूजा पंडाल सजाकर मां की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस वर्ष भी शिवाजी मेन चौक पर मां वैष्णो दुर्गा पूजा समिति, शंकर तिराहे पर विध्यवासिनी दुर्गा पूजा समिति, अहरौला रोड पर मां अंबे दुर्गा पूजा समिति, बैजनाथ पोखरे पर नव युवक दुर्गा पूजा समिति सहित अन्य समितियों द्वारा प्रतिमा की स्थापना की गई है।इस वर्ष पूरे नगर में 500 भगवा ध्वज लगाए गए हैं।

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