15 दिन बाद भी नहीं बिका गेहूं, भड़के किसानों ने किया प्रदर्शन
- गुस्साए कुछ किसान प्रदर्शन के दौरान अपनी ट्रैक्टर ट्राली पर जा चढ़े - अन्नदाताओं ने अधिकाि
- गुस्साए कुछ किसान प्रदर्शन के दौरान अपनी ट्रैक्टर ट्राली पर जा चढ़े
- अन्नदाताओं ने अधिकारियों पर जड़े अनदेखी करने के गंभीर आरोप जागरण संवाददाता, मार्टिनगंज (आजमगढ़) : इंतहा हो गई, इंतजार की ..। ऐसा होने पर झल्लाहट होना लाजिमी है। वर्ष भर के अरमान पर पानी फिरने की नौबत आए तो कहने ही क्या? क्रय केंद्र के बाहर गेहूं से लदी ट्रैक्टर ट्राली लेकर खड़े दर्जन भर किसानों की बारी एक पखवाड़े बाद भी न आई तो उनका सब्र जवाब दे गया। अफसरों पर अनदेखी कर आरोप लगाते हुए भड़के किसान गेहूं क्रय केंद्र के बाहर धरना-प्रदर्शन करते हुए गेहूं खरीद यथा शीध्र करने की मांग उठाई।
मार्टीनगंज के कौरागहनी गांव में सरकार ने गेहूं क्रय केंद्र खोल रखा है। इस क्रय केंद्र को करीब 72 गांवों में किसानों की गेहूं खरीद करने का निर्देश है। ऐसे में यहां गेहूं लदी ट्रैक्टर ट्रालियों लाइन लगी रह रही है। किसान अपनी बारी का दिन-रात इंतजार करते हैं। सोमवार को गेहूं खरीद की सुस्त रफ्तार से किसान आक्रोशित हो उठे। दरअसल, मौसम में उलटफेर के दौरान उनके लिए अपनी उपज बचाना मुश्किल हो रहा था। 15 दिनों बाद भी अपनी बारी न आने से कुछ किसानों का आक्रोश भड़क उठा। दरअसल, उनकी 30 ट्रैक्टर ट्रालियों पर लदी गेहूं कोशिशों के बावजूद पानी में भीग जा रही थी। गुस्साए किसान क्रयकेंद्र के बाहर एकजुट होकर हो-हल्ला मचाने लगा। उग्र हुए कुछ किसान ने गुस्से में इस कदर तमतमाए थे कि अपनी ट्रैक्टर ट्राली के ऊपर चढ़कर नारेबाजी करने लगे। हिदायत दी कि खरीद को रफ्तार न मिल तो चक्का जाम करने से गुरेज नहीं करेंगे। अन्नदाताओं में साधु यादव दरियापुर, जंग बहादुर सिंह सुरहन, अजय सिंह, राम लखन सिंह, दुर्ग विजय सिंह इत्यादि ने बताया कि आखिर इंतजार की इंतहा होती है। उनकी बारी आते-आते तो पूरी गेहूं भीग जाएगी, फिर उसे खरीदने में आनाकानी किया जाएगा। एडीएम दिनेश कुमार मिश्रा ने भरोसा दिलाया कि किसानों की गेहूं खरीद की जाएगी। कोशिश करूंगा कि खरीद में सुस्ती के कारणों को दूर करू, जिससे किसानों की मदद की जा सके।
आंदोलन में सचिन सिंह, रविद्र सिंह, लालमन यादव, रामचंद्र यादव, रामबचन यादव, सत्यनारायण, निवासी ग्राम धंगवल इत्यादि उपस्थिति थे।
क्रय केंद्र प्रभारी सुरेंद्र कुमार का कहना है कि रोजाना 300 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा रही है। गेहूं लदी ट्रालियां ज्यादा पहुंचने के कारण दिक्कत हो रही है। उच्च अधिकारियों से गेहूं खरीद की समय सीमा बढ़ाने के लिए आवेदन भी किया हूं।