ओपीडी बंद तो क्या हुआ, पेड़ के नीचे कर रहे इलाज
- नेकी - सरकारी अस्पताल के डॉक्टर संजय गुप्ता गरीबों के लिए बने भगवान -अस्पताल से दवा उपल
- नेकी
- सरकारी अस्पताल के डॉक्टर संजय गुप्ता गरीबों के लिए बने भगवान
-अस्पताल से दवा उपलब्ध कराने के साथ दे रहे नियमों के पालन की सलाह जागरण संवाददाता, मार्टीनगंज (आजमगढ़) : सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बंद होने के बाद डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, लेकिन यहां तो डॉक्टर संजय गुप्ता के दिल का दवाखाना हर वक्त खुला रहता है। वह आने वाले मरीजों को वापस नहीं जाने देते और अस्पताल परिसर में ही एक पेड़ के नीचे बैठकर न केवल उनका इलाज कर रहे हैं, बल्कि अस्पताल से दवाएं भी उपलब्ध करा रहे हैं।
कोरोना के पलटवार के बाद सरकारी हो या प्राइवेट डॉक्टर, वह मरीजों को देखने को तैयार नहीं हैं। देख भी रहे हैं तो शारीरिक दूरी का पालन करते हुए। मरीज को छूने की जहमत नहीं उठा रहे हैं, लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नियुक्त डॉक्टर संजय गुप्ता ओपीडी बंद होने के बावजूद परिसर में ही पेड़ के नीचे करीब 50 मरीजों का इलाज करने के साथ दवाइयां भी वितरित करवा रहे हैं। अस्पताल में दवा के लिए पहुंचे मरीज पप्पू यादव, तारा देवी, भगवंता, शुभम, रामसिगार, सोहित, नियाज का कहना है कि कोरोना काल में डॉक्टर गुप्ता लोगों के लिए भगवान बने हैं। अपने कमरे से बाहर निकलकर बीमार व्यक्तियों का इलाज कर रहे हैं। इससे हर उस व्यक्ति को लाभ मिल रहा है जिसके पास इलाज के लिए धन का अभाव है। ऐसे डॉक्टरों से सभी को सीख लेनी चाहिए, क्योंकि उन्हें खुद से ज्यादा हम लोगों की चिता है। वहीं डॉक्टर गुप्ता का कहना है कि हमारा परम कर्तव्य बनता है कि हम जहां हों लेकिन कोई भी मरीज इलाज के अभाव में परेशान न हो। जितना संभव होगा उतनी सेवा करते रहेंगे। हम तो जो मरीज दवा नहीं खरीद सकते उनको भी दवा देते हैं।