जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए आगे आएं लोग
-आनलाइन गोष्ठी -विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी में जुड़े काशी
-आनलाइन गोष्ठी :::
-विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी में जुड़े काशी व नेपाल के पर्यावरण साधक
-इलेक्ट्रिक वाहनों व सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना होगा
-ग्लोबल वार्मिंग के लिए मानव दोषी है: विक्रम यादव
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: लोक दायित्व एवं विश्वामित्र शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियां और पर्यावरण संरक्षण विषय पर वक्ताओं ने वैश्विक स्तर पर पर्यावरण से जुड़ीं समस्याओं पर चितन किया।
मुख्य वक्ता काशी हिदू विश्वविद्यालय के प्रो. गुरु प्रसाद सिंह ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग वैश्विक समस्या हो गई है। जल, जंगल और जमीन को नुकसान से बचाने के लिए सबको आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि आने समय में सबसे बड़ा संकट यह है कि धरती पर मानवता बचेगी कि नहीं। उसकी झलक हमें देखने को मिलने लगी है। पर्यावरण संकट इसी से जुड़ा है। रायल यूनिवर्सिटी भूटान के सह आचार्य डा. खेम प्रसाद गौतम ने भूटान के पर्यावरण पर विस्तार से अपनी बात रखी। भूटान के पेड़, पौधे और जंगल ने यहां के वातावरण को स्वच्छ बनाने में अहम योगदान दिया है। इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना होगा। नेपाल से आए मुख्य अभियानी विक्रम यादव ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए मानव दोषी है। पृथ्वी को मां कहते हैं लेकिन उसकी रक्षा के लिए अपने कर्तव्यों को भूल गए हैं। नीम रत्न से सम्मानित डा. वीके सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक ²ष्टिकोण से पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना होगा। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के सहायक आचार्य डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सरयू बचाओ अभियान के संयोजक पवन कुमार सिंह ने विषय प्रवर्तन एवं संचालन किया। अतिथियों का आभार डा. संजय सिंह गौतम ने व्यक्त किया।