झारखंड के आइडी पासवर्ड का हुआ प्रयोग

जनपद में आयुष्मान घोटाला में झारखंड के आइडी व पासवर्ड का प्रयोग किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 05:58 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 06:08 AM (IST)
झारखंड के आइडी पासवर्ड का हुआ प्रयोग
झारखंड के आइडी पासवर्ड का हुआ प्रयोग

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जनपद में आयुष्मान घोटाला में झारखंड के आइडी व पासवर्ड का प्रयोग किया गया है। यह पर्दाफाश एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह ने कलेक्ट्रेट में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान किया। दूसरी तरफ जिला अस्पताल से इस आधार पर आयुष्मान मित्र को उठाया गया था कि उसके आइडी व पासवर्ड से निजामाबाद के फरिहां में गोल्डेन कार्ड बनाया गया था। अब जांच अधिकारी द्वारा झारखंड के आइडी पासवर्ड के प्रयोग की बात किसी के गले नहीं उतर रही हैं। हिरासत में लिए जाने के बाद आयुष्मान मित्र छोड़ दिया गया और एक सप्ताह बाद उसी पटल पर काम भी कर रहा है। इसकी जानकारी एसपी को नहीं है। उनका दावा है कि अभी आयुष्मान मित्र पर दोष सिद्ध नहीं हुआ है। पूरी गहराई से जांच की जा रही है। आयुष्मान के सीओ को पूरे प्रकरण से अवगत करा दिया गया है। उनके यहां से सारी रिपोर्ट आने के बाद ही पूर्ण रूप से दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

बीते तीन दिसंबर को जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह के निर्देश पर निजामाबाद थाने की पुलिस ने जिला अस्पताल में छापा मारकर आयुष्मान मित्र सहित दो लोगों को हिरासत में ले लिया था। इन पर आरोप था कि दोनों की मिलीभगत से सरायमीर में रहने वाले कुछ लोग फर्जी आयुष्मान का गोल्डेन कार्ड बनवाकर लोगों को चूना लगा रहे हैं। इसके बाद एक और युवक को निजामाबाद थाने के फरिहां से उठाया गया था। फरिहां से ही आयुष्मान योजना का फर्जी गोल्डेन कार्ड बनाया जा रहा था। जिला अस्पताल में कार्य करने वाले आयुष्मान मित्र के सहयोगी साथी ने दूसरे युवक को आइडी व पासवर्ड दिया था। इसी पासवर्ड से फरिहां वाला युवक गोल्डेन कार्ड बना रहा था। इसी की शिकायत डीएम से हुई थीं। इस आधार पर आयुष्मान मित्र व उसके साथ को हिरासत में लेकर तीन दिन पुलिस पूछताछ करती रही। तीन दिन बाद छोड़ दिया गया। इसके बाद आयुष्मान मित्र अपने पटल पर काम कर रहा है। जांच की जिम्मेदारी एसपी को सौंपी गई है। अब एसपी का कहना है कि आयुष्मान मित्र अभी तक दोषी नहीं मिला है। उसके आईडी पासवर्ड से कहां-कहां प्रयोग हुआ है, यह पुष्ट नहीं हो पा रहा है। उसके आइडी पासवर्ड से गोल्डेन कार्ड बना है कि नहीं इसी पुष्टि के लिए आयुष्मान के सीओ से सारे रिकार्ड मंगाए जा रहे हैं। अगर रिकार्ड के अनुसार आयुष्मान मित्र दोषी पाया जाता है तो उसे सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा।

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