फोन पर हालचाल और कागजों में बीमारों का इलाज

जागरण संवाददाता आजमगढ़ कोरोना संक्रमित होने के बाद होम आइसोलेट मरीजों की कितनी फिक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 04:14 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 04:14 PM (IST)
फोन पर हालचाल और कागजों में बीमारों का इलाज
फोन पर हालचाल और कागजों में बीमारों का इलाज

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : कोरोना संक्रमित होने के बाद होम आइसोलेट मरीजों की कितनी फिक्र की जा रही है, यह कोई उन्हीं से पूछे। जिला हो अथवा सीएम हेल्प डेस्क से आने वाले फोन पर केवल पूछा जा रहा है कि तबीयत कैसी है, इस समय क्या दिक्कत है आदि के साथ यह भी पूछा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी कि नहीं। हकीकत बताने के बाद जवाब मिल रहा है दिखवाता हूं। शहर में हकीकत यह कि होम आइसोलेट मरीजों के पास न तो कोई टीम पहुंच रही है और न ही दवा और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की जा रही है।

वह तो भला हो उन डॉक्टरों का जिन्होंने पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर अस्पताल से ही दवा दे दी। फिर भी पांच दिन बाद मरीज तक दवा कैसे पहुंचेगी, इसकी फिक्र किसी को नहीं है। अगर कोई परिचित है और अस्पताल से दवा लेकर मरीज तक पहुंचा दिया तो ठीक वरना ..।

शहर के अनंतपुरा निवासी प्रवीण कुमार को उदाहरण के तौर पर लिया जा सकता है। वह पॉजिटिव होने के बाद होम आइसोलेट हो गए। उसके बाद उनके पास कंट्रोल रूम से फोन आने लगा। उन्होंने गुहार लगाई कि किसी तरह से परिवार के अन्य सदस्यों की जांच की व्यवस्था करा दीजिए, लेकिन जवाब मिला कि देखता हूं। अस्पताल से जो दवा मिली थी उसके खत्म होने के बाद उन्होंने अपने किसी परिचित को भेजकर दवा मंगाई।

अब सैनिटाइजेशन के दावे पर गौर करें तो नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी डॉ. शुभनाथ प्रसाद का दावा है कि नगर क्षेत्र के प्रमुख कार्यालयों के साथ मोहल्लों को सैनिटाइज किया जा रहा है। संक्रमितों के घर भी सैनिटाइज होने चाहिए की बात पर लोकेशन तो पूछा लेकिन संक्रमित के घर कोई टीम नहीं पहुंची। ऐसी स्थिति में लोग अपने स्तर से सैनिटाइजेशन की व्यवस्था कर रहे हैं।

chat bot
आपका साथी