यात्रा कोई अकारण नहीं होती
जागरण संवाददाता लालगंज (आजमगढ़) मईखरगपुर गांव स्थित आत्म अनुसंधान आश्रम परिसर के जया विज
जागरण संवाददाता, लालगंज (आजमगढ़) : मईखरगपुर गांव स्थित आत्म अनुसंधान आश्रम परिसर के जया विजया सभागार में अपने अवतरण दिवस पर आयोजित परिवार गोष्ठी में बाबा विशाल भारत ने कहा कि यात्रा कोई भी हो, अकारण नहीं होती।
अपनी मां, पिता व अघोरेश्वर को प्रणाम करने के साथ कहा कि आज के 55 वर्ष पहले एक यात्रा की शुरुआत हुई। यात्रा की शुरुआत आत्मा से हुई।महाप्रकृति, पिता, मां के सहयोग से शरीर मिली, जिसे लेकर आज 56वें वर्ष में प्रवेश किया। आत्मा का मूल गुण व धर्म होता है। शरीर के गुण व धर्म को मर्यादित किया जा सकता है, लेकिन आत्मा के गुण व धर्म को मर्यादित नहीं किया जा सकता।नश्वर संसार में सभी लोग कुछ न कुछ पद पाने की लालसा रखते हैं। मेरा कोई शिष्य नहीं है, लेकिन कोई मुझे अपना गुरु बना ले तो हमने कहां मना किया है। मैं चाहता हूं कि 15 दिन अपने पूर्वजों को श्रद्धा निवेदित करें। भूखे को निवेदित करें तो पितृ दोष समाप्त हो जाएगा। नरेंद्र सिंह, रामाधीन सिंह, देवेंद्र सिंह, रमाकांत सिंह, कैलाश नाथ तिवारी, शारदा सिंह, पूनम तिवारी, संतोष कुमार पाठक आदि रहे। संचालन रामनयन सिंह ने किया।