घुटने भर पानी से होकर गुजरते हैं हजारों लोग
सरायमीर (आजमगढ़) भले ही हम अत्याधुनिक चकाचौंध के बीच हाइटेक हो गए हैं लेकिन अभी भी जनपद के तमाम गांव ऐसे हैं जो पुराने ढर्रे पर अपना जीवन यापन करने को विवश हैं। जनपद के कुंवर नदी पर राजापुर सिकरौर एवं विदावनपुर गांव के बीच अभी तक पुल नहीं बनाया। इसकी वजह से हजारों लोग घुटने तक पानी से होकर गुजरने को विवश हैं। यही यही बारिश के दिनों में इन गांवों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाता है। लोग दस किलोमीटर घूम कर सरायमीर बाजार व अन्य जगहों पर जाते हैं।
जासं, सरायमीर (आजमगढ़) : भले ही हम अत्याधुनिक चकाचौंध के बीच हाइटेक हो गए हैं लेकिन अभी भी जनपद के तमाम गांव ऐसे हैं जो पुराने ढर्रे पर अपना जीवन यापन करने को विवश हैं। जनपद के कुंवर नदी पर राजापुर सिकरौर एवं विदावनपुर गांव के बीच अभी तक पुल नहीं बनाया। इसकी वजह से हजारों लोग घुटने तक पानी से होकर गुजरने को विवश हैं। यही यही बारिश के दिनों में इन गांवों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाता है। लोग दस किलोमीटर घूम कर सरायमीर बाजार व अन्य जगहों पर जाते हैं।
क्षेत्र के लोग अब तक बांस बल्ली से बनी चह से आते-जाते रहे हैं। बाढ़ में चह से भी जाने से आवागमन बाधित हो जाता है। जब पानी कम होता है तो बांस बल्ली से पुन: चह अस्थाई पुल का निर्माण करते हैं। यही सिलसिला हमेशा से चल आ रहा है परन्तु अब बांस की खूंटी भी कम हो गई है। बांस भी नहीं मिल रहा है। इसी कारण चह भी नहीं बन पा रहा है। इस साल बाढ़ आने के कारण अस्थाई पुल बह गया। इससे क्षेत्र के लोग अपना जूता-चप्पल हाथ में लेकर सरायमीर बाजार आने-जाने के लिए नदी को पार कर पहुंचते हैं। पुल न होने से लोगों को परेशानी हो रही है। विधानसभा व लोकसभा का जब चुनाव होता है तो जनप्रतिनिधि वादा करके जाते हैं। चुनाव बीतने के बाद इनका पता भी नहीं चलता है। इससे लोगों का आक्रोश सिर चढ़कर बोल रहा है।
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मैं दूध बेचता हूं। प्रत्येक दिन अपने घर से दो लड़कों को लिवा कर आता हूं। वह कुंवर नदी पार करवाते हैं। मेरे दूध के बाल्टा को मेरी बाइक पर बांधते हैं। तब हम लेकर सरायमीर बाजार दूध की सप्लाई करने जाते हैं।
-बांकेलाल : निवासी कौड़िया
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कुंवर नदी के इस बिदावनपुर घाट पर बाबा राधे शिव कृष्ण मंदिर है। यहां दूर-दराज से लोग पूजा अर्चना करने आते हैं। पूजा-अर्चना करने के लिए परंतु पुल न होने से लोगों को बीनापारा, खपड़ा गांव होकर घूम कर आना पड़ता है। करीब 10 किलोमीटर का सफर अधिक करना पड़ता है।
-श्रीराम : निवासी करीमपुर
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अक्सर लोग गाड़ी पार करते समय गिर जाते हैं। सामान भी गिर जाते हैं। इसकी वजह से सामान नष्ट हो जाता है। कई बार बच्चे भी गिर चुके हैं। इससे लोग काफी परेशान होते हैं।
-दिलीप सोनकर, निवासी करीमपुर
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सबसे बड़ी परेशानी शादी विवाह के अवसरों पर होती है क्योंकि यहां से सरायमीर बाजार मात्र तीन किलोमीटर पर स्थित है। पुल न होने की वजह से हमारे गांव करीमपुर, खुटौली, तोवा, मिश्राना, धन्नीपुर, गहनी आदि गांव के लोग खपड़ा गांव, बीनापारा होकर सरायमीर बाजार जाते हैं। इससे करीब 10 किलोमीटर अधिक यात्रा करना पड़ता है।
-विपिन निषाद : निवासी करीमपुर