स्वास्थ्य केंद्र की ये अवस्था, दवा न जांच की व्यवस्था

(आजमगढ़) : विकास खंड सठियांव के शाहगढ़ स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र। दिन मंगलवार, सुबह 10.45 बजे। जागरण टीम स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। इस दौरान चिकित्सा प्रभारी डा. प्रशांत राय अनुपस्थित मिले। स्टाफ इधर-उधर घूम रहे थे। वहीं डा. शादिक अहमद अपने कक्ष में बैठकर मरीज देख रहे थे। साफ-सफाई की व्यवस्था भी कुछ ठीक नहीं दिख रही थी। दरवाजे खिड़कियों पर धूल जमे थे। हालांकि स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा प्रभारी सहित कुल आठ स्टाफ तैनात हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 12:42 AM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 12:42 AM (IST)
स्वास्थ्य केंद्र की ये अवस्था, दवा न जांच की व्यवस्था
स्वास्थ्य केंद्र की ये अवस्था, दवा न जांच की व्यवस्था

आजमगढ़ : विकास खंड सठियांव के शाहगढ़ स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र। दिन मंगलवार, सुबह 10.45 बजे। जागरण टीम स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। इस दौरान चिकित्सा प्रभारी डा. प्रशांत राय अनुपस्थित मिले। स्टाफ इधर-उधर घूम रहे थे। वहीं डा. सादिक अहमद अपने कक्ष में बैठकर मरीज देख रहे थे। साफ-सफाई की व्यवस्था भी कुछ ठीक नहीं दिख रही थी। दरवाजा व खिड़की पर धूल जमी थी। हालांकि स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा प्रभारी सहित कुल आठ स्टाफ तैनात हैं। प्रतिमाह लाखों रुपये सरकार इनके वेतन पर खर्च करती है। इसके बावजूद व्यवस्था डंवाडोल नजर आई। मरीजों का आरोप है कि यहां पर्याप्त दवा नहीं है और न ही जांच की कोई मुकम्मल व्यवस्था। मरीज एक-दूसरे से बात कर रहे थे सब यहां ऊपर वाले के भरोसे है। बताते हैं कि पिछले 15 वर्ष से अस्पताल पंचायत भवन में किराए पर चल रहा है। अस्पताल में मरीजों की भी संख्या कम दिखी। फरियादियों की कहानी, उन्हीं की जुबानी

कुछ दवा को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी दवा चिकित्सक द्वारा बाहर से लिखी जाती हैं। ऐसे में गरीब परिवार कहां से उपचार कराएगा।

-प्रहलाद, खुझिया, शाहगढ़। आए दिन अस्पताल में समय से चिकित्सक नहीं मिलते हैं। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद जिम्मेदार लोग उदासीन हैं।

-विरेंद्र, बेलहरा। कमीशन के चक्कर में चिकित्सक मानवता भी भूल चुके हैं। सभी जांच बाहर से लिखे जाते हैं। ऐसे में गरीब मरीज कहां से अपना उपचार कराएगा।

-छांगुर मौर्या, शाहगढ़। जिम्मेदार को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है। कारण, यहां की व्यवस्था ऊपर वाले के भरोसे चल रही है। चिकित्सकों से कुछ कहा जाता है तो वह अपना ही रोना रोकर मामले से पल्ला झाड़ लेते हैं।

-रामसमुझ चौहान, शाहगढ़।

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