उतार-चढ़ाव के बीच फिर बढ़ने लगा सरयू का जलस्तर
बाढ़ - देवारावासियों की कम होने का नाम नहीं ले रहीं दुश्वारियां - लहलहाती फसलों व मक
बाढ़
- देवारावासियों की कम होने का नाम नहीं ले रहीं दुश्वारियां
- लहलहाती फसलों व मकान कटाने का सता रहा लोगों को दर्द जागरण संवाददाता, रौनापार (आजमगढ़): सरयू नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव अनवरत जारी है। बुधवार से अचानक जलस्तर में वृद्धि होने से देवारावासी चितित हो गए हैं। महीनों से देवारावासियों की दुश्वारियां जस की तस बनी हुई हैं। कटान की समस्या उनके सामने मुंह बाए खड़ी है। आवागमन की दिक्कत के साथ ही लहलहाती फसलों के धारा में विलीन होने का दर्द और मकानों के कटने की पीड़ा उनका साथ छोड़ने का नाम नहीं ले रही है। रविवार से उतर रहा जलस्तर बुधवार को चढ़ने लगा। महुला-गढ़वल बांध के उत्तरी हिस्से में स्थित साधु का पुरवा, झगड़हवा और बगरहा में कटान जारी है। बगरहवा गांव में पांच घर कट कर नदी में समाहित हो चुके हैं। अब साधु का पूरा के 50, झगड़हवा के 40 और इतने ही घर बगरहवा के कटने के कगार पर पहुंच गए हैं। नदी कटान करते हुए इन घरों की ओर तेजी से बढ़ रही है। इसे देख ग्रामीणों का दहशत है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा तो हम लोगों का भी घर नदी में समाहित हो जाएगा। प्रशासन इसका निदान करने की बजाय दूर से खड़े होकर तमाशा देख रही है। इससे इन लोगों के दिन का चैन और रात की नींद उड़ गई है। जलस्तर घटने बढ़ने के साथ ही एक बार फिर बढ़ने लगा है। वहीं गागेपुर परसिया में कृषि योग्य भूमि लगातार कटकर नदी में विलीन होती जा रही है। अब तो गांगेपुर, परसिया बांध का अस्तित्व भी खतरे में आता जा रहा है। इसे बचाने के लिए बोरियों में मिट्टी और बालू भरकर डाला जा रहा है। क्या इससे रिग बांध का अस्तित्व बचाया जा सकेगा। मंगलवार को डिघिया नाले का गेज 70.69 मीटर था। बदरहुआ नाले पर नदी 71.31 मीटर पर था। उसी रात में घटकर जलस्तर बुधवार को सुबह आठ बजे 71.26 पर पहुंच गया था। सुबह आठ बजे से जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई। शाम चार बजे तक 71.28 मीटर पर पहुंच गया है।