जन्म से एक मिनट तक का समय शिशु के लिए महत्वपूर्ण

- मेडिकल कालेज -नवजात की मृत्यु दर रोकने के लिए कार्यशाला का आयोजन -चार चिकित्सक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 07:26 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 07:26 PM (IST)
जन्म से एक मिनट तक का समय शिशु के लिए महत्वपूर्ण
जन्म से एक मिनट तक का समय शिशु के लिए महत्वपूर्ण

- मेडिकल कालेज :::::

-नवजात की मृत्यु दर रोकने के लिए कार्यशाला का आयोजन

-चार चिकित्सकों ने 32 जूनियर डाक्टरों को दिया प्रशिक्षण

जागरण संवाददाता, चक्रपानपुर (आजमगढ़) : राजकीय मेडिकल कालेज व सुपर फैसिलिटी अस्पताल के बाल रोग विभाग में शुक्रवार को नवजात की मृत्यु दर रोकने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें चार प्रशिक्षकों ने 32 जूनियर डाक्टरों को प्रशिक्षण दिया।

डा. दीपक पांडेय ने बताया कि नवजात शिशु के जन्म से लेकर एक मिनट तक के समय को गोल्डेन समय कहा जाता है। यानी यह समय नवजात के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस समय में यदि बच्चा सांस नहीं ले पा रहा है तो तुरंत प्रशिक्षित डाक्टर की आवश्यकता होती है। यदि इस समय बच्चे का ध्यान नहीं दिया गया तो इसका असर उसके भविष्य पर पड़ता है।

शासन के निर्देश के क्रम में सुबह आठ से शाम पांच बजे तक चले प्रशिक्षण कार्यक्रम में वाराणसी के डा. बीएन गुप्ता, डा. रितेश अग्रवाल, राजकीय मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग के एचओडी दीपक पांडेय तथा अनंता जायसवाल ने अलग-अलग जूनियर डाक्टरों को प्रशिक्षित किया। प्रत्येक टीम में आठ-आठ लोग शामिल थे। रीजनल कोआर्डिनेटर डा. बीएन गुप्ता ने कहा कि मृत्यु दर का कारण स्पष्ट रूप से जागरूकता का अभाव ही है। कार्यशाला का शुभारंभ प्रधानाचार्य आरपी शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में प्रशिक्षित डाक्टर जनपद की मृत्यु दर रोकने में सफल होंगे। दीपक पांडेय ने कार्यशाला की सफलता पर सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।बाल रोग विभाग के नैयर आजम, अबूजैद, अमित निगम, अमजद खान, उमेश चंद यादव, आनंद कुमार पटेल आदि रहे।

---

प्रशिक्षुओं को दिया गया प्रमाण पत्र

-कार्यशाला के अंत में सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र वितरित किया गया।दीपक पांडेय ने बताया कि सर्टिफिकेट का महत्व दसे साल तक रहेगा, क्योंकि इसके बाद संभव है कि मृत्यु दर रोकने के लिए मेडिकल में कुछ नए शोध भी सामने आएं।

chat bot
आपका साथी