बारिश में कठिन महापंडित के गांव की डगर

चक्रपानपुर-शेरपुर मार्ग पर कनैला गांव को भला कौन न

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 04:01 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 04:01 PM (IST)
बारिश में कठिन महापंडित के गांव की डगर
बारिश में कठिन महापंडित के गांव की डगर

जागरण संवाददाता, चक्रपानपुर (आजमगढ़): चक्रपानपुर-शेरपुर मार्ग पर कनैला गांव को भला कौन नहीं जानता होगा। यह महापंडित राहुल सांकृत्यायन का पैतृक गांव है, लेकिन उनके गांव का रास्ता बारिश के समय डूब जाता है। चक्रपानपुर से शेरपुर तक नौ किलोमीटर 30 मीटर लंबी सड़क का निर्माण पांच करोड़ छह लाख 82 हजार रुपये की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पां जून 2018 में पूरा कराया गया था। निर्माण के समय ही ग्रामीणों ने सड़क की ऊंचाई कम होने की बात उठाई थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसका खामियाजा इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है। यदि निर्माण के समय गांव वालों का सुझाव माना गया होता तो शायद थोड़ी सी भी बरसात होने पर पानी व कीचड़ से लोगों को सामना न करना पड़ता। गांव के सामने 30 मीटर की दूरी तक सड़क पर दो से तीन फीट पानी जमा हो जाता है। उसके सूखने में एक सप्ताह लग जाता है। कारण की सड़क की ऊंचाई यहां कम है। चक्रपानपुर से शेरपुर तक जाने वाला यह मार्ग जहां बड़हलगंज होते हुए चिरैयाकोट को जोड़ता है तो दूसरी तरफ यह मार्ग दौलताबाद होते हुए जहानागंज तक भी जाता है। इतना ही नहीं चक्रपानपुर में राजकीय मेडिकल कालेज व सुपर फैसिलिटी अस्पताल होने के कारण इस मार्ग से होकर दूर-दराज के गांव के साथ मऊ और गाजीपुर जनपद के लोगों का भी आना जाना लगा रहता है। समाजसेवी डा. दिनकर राय, पूर्व सैनिक हरेंद्र सिंह, कनैला की प्रधान मेवाती देवी, रमेश पांडेय, सदानंद पांडेय, मोहम्मद यूनुस, अनीस अहमद, फिरोज अहमद, शिवदास जायसवाल, राजेश जायसवाल ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया है।

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