निर्माण कंपनी ने एसआइसी को हैंडओवर किया एमआरआइ कक्ष
जिले में लगभग दो साल से बन रहे एमआरआइ जांच कक्ष का ि
जागरण संवाददाता, बलरामपुर (आजमगढ़): जिले में लगभग दो साल से बन रहे एमआरआइ जांच कक्ष का निर्माण पूरा हो गया है। जल्द ही एमआरआइ जांच भी शुरू होगी। इंतजार है तो शासन से संसाधन उपलब्ध कराने की। उसके बाद मरीजों को इसके लिए भटकना नहीं पड़ेगा। मंडलीय जिला चिकित्सालय में एमआरआइ कक्ष के निर्माण के बाद कार्यदायी संस्था उप्र श्रम एवं निर्माण सहकारी संघ ने इसे प्रमुख चिकित्साधीक्षक को हैंडओवर कर दिया है।
दो वर्ष पूर्व 96.46 लाख की लागत से इसका निर्माण शुरू हुआ था। जनवरी माह में यहां पर एमआरआइ जांच शुरू हो जाने चाहिए थे, लेकिन कोरोना की महामारी के कारण समस्या आ गई थी। अब कोरोना का संक्रमण कुछ कम हुआ तो जितने भी अधूरे कार्य थे उसे निमार्ण कंपनी द्वारा पूरा किया गया। अब एमआरआइ के लिए मरीजों को बड़े जिलों का रुख नहीं करना पड़ेगा। मंडलीय जिला चिकित्सालय में एमआरआइ जांच सुविधा की मांग अरसे से की जा रही थी। जांच की सुविधा न होने पर सामाजिक संगठन कई बार सत्तारूढ़ दल के मंत्रियों और जिला प्रशासन को ज्ञापन भी दे चुके थे। जनता की परेशानियों को देखते हुए शासन ने वर्ष 2018-2019 में मंडलीय जिला चिकित्सालय में एमआरआइ कक्ष के निर्माण के लिए बजट जारी किया गया। अब एमआरआइ जांच के लिए मरीजों को रुपये नहीं खर्च करने पड़ेंगे। जांच शुरू होने पर आजमगढ़ के साथ ही मऊ, बलिया सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों के मरीजों को राहत मिलेगी।
वर्जन::
-एमआरआइ जांच शुरू करने के लिए कक्ष का निर्माण कंपनी द्वारा पूरा कर लिया गया है। सिर्फ जांच के लिए सामानों की कमी है। यह शासन स्तर की व्यवस्था है। मशीन आने के बाद ही जांच शुरू होगी जिसके शुरू हो जाने पर पूर्वांचल के कई जिलों को लाभ मिलेगा।
-रामनयन प्रसाद, अवर अभियंता, स्वास्थ्य विभाग।
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वर्जन:
एमआरआइ कक्ष का निर्माण होने पर कंपनी ने हैंडओवर कर दिया है, जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। शासन अब जांच में प्रयुक्त मशीनों को भेजेगा तो जल्द ही पूर्वाचल में सभी को लाभ मिलेगा। इसके शुरू होने से आसपास के जिलेवासियों को भी फायदा होगा। कारण कि सरकारी व्यवस्था होने से उन्हें प्राइवेट का सहारा नहीं लेना पडेगा।
-डा. अनूप कुमार सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, मंडलीय जिला अस्पताल।