एक ही झटके में बुझ गया घर का चिराग

जागरण संवाददाता महराजगंज (आजमगढ़) देवारा तुर्कचारा निवासी पतिराम यादव ने कभी सपने में भी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 06:58 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 06:58 PM (IST)
एक ही झटके में बुझ गया घर का चिराग
एक ही झटके में बुझ गया घर का चिराग

जागरण संवाददाता, महराजगंज (आजमगढ़): देवारा तुर्कचारा निवासी पतिराम यादव ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि लाख मन्नतों के बाद भगवान ने जो इकलौता चिराग दिया वह एक ही झटके में बुझ जाएगा।

गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करने के बाद सामाजिक मान्यताओं के अनुसार एक वारिस की हसरत थी।भगवान ने चार पुत्रियों के बाद एक पुत्र दिया, जिसका नाम उन्होंने सुग्रीव रखा।पुत्र की प्राप्ति हुई तो मानो परिवार की खुशियों को पंख लग गए। लगने लगा कि गृहस्थी संभालने वाला वारिस ईश्वर ने दे दिया है। युवावस्था की दहलीज पर कदम रखते ही सुग्रीव पिता की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए जिम्मेदारियों को संभालना भी शुरू कर दिए थे।कौन जानता था कि जिम्मेदारियां परिवार के लिए काल बन जाएंगी। जिम्मेदारियों को संभालते हुए गुरुवार की दोपहर सुग्रीव धनोपार्जन के उद्देश्य से पास के गांव में ट्रैक्टर लेकर खेत की जोताई करने जा रहे थे, कितु घर से मात्र तीन किलोमीटर दूर पहुंचे थे कि जिस दोस्त के साथ जीवन के सुख-दुख में सहभागी बनकर जीने का सपना देख रहे थे, उसी के साथ काल कवलित हो गए। घटना से जहां एक परिवार का चिराग बुझ गया, वहीं दूसरे परिवार का छोटा बेटा भी साथ छोड़ गया। दोनों परिवारों पर मानों विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा। हर कोई घटना से स्तब्ध दिख रहा था।

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