हत्यारोपित की जगह निर्दोष को भेजा जेल
खाकी वर्दीधारी के कारनामें आए दिन चर्चा का विषय बना रहता है। वर्दी का धौंस दिखाकर वह चाहे तो किसी बेगुनाह को दोषी गुनाहगार को निर्दोष बना देना उसके बाएं हाथ का खेल है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : खाकी वर्दीधारी के कारनामे आए दिन चर्चा के विषय बने रहते हैं। वर्दी की धौंस दिखाकर वह चाहें तो किसी बेगुनाह को दोषी और गुनाहगार को निर्दोष बना सकते हैं। जी हां, ऐसा ही कारनामा शहर कोतवाली पुलिस ने भी कर दिखाया है। गुनहगार के स्थान पर बेगुनाह को हत्या के जुर्म में जेल भेज दिया। लगभग साढ़े चार साल से जेल की सलाखों में कैद बेगुनाह ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से गुहार लगाई। गुहार पर मानवाधिकार आयोग की दो सदस्यीय टीम मामले की जांच के लिए जिले में आ रही है।
कप्तानगंज थाना क्षेत्र के मनियारपुर गांव निवासी सिंहासन विश्वकर्मा पुत्र झपसू विश्वकर्मा लगभग चार साल पांच माह से जिला कारागार के बैरक नंबर 3 बी में हत्या के जुर्म में निरुद्ध है। उसने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली को भेजे गए अपने पत्र में उल्लेख किया है कि शहर कोतवाली में दर्ज एक मुकदमे में पुलिस ने उसे फर्जी नाम पर गिरफ्तार कर चालान कर दिया, जबकि उक्त मुकदमे में आरोपित को पुलिस नहीं पकड़ पाई। वास्तविकता यह है कि इस मुकदमे से उसका कोई वास्ता नहीं है और वह निर्दोष है। सिंहासन के प्रार्थना पत्र पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली ने इस प्रकरण की जांच के लिए मनोज दाहिया व कुलवंत सिंह को जांच अधिकारी नामित किया है। एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह ने कहा कि मानवाधिकार आयोग की ओर से स्थलीय जांच के लिए नामित दो सदस्यीय टीम 21 अक्टूबर को जिले में आ रही है। 24 अक्टूबर तक जिले में रहकर प्रकरण की जांच के साथ अभिलेखों का भी अवलोकन करेंगी। उन्होंने इस संबंध में सभी अधिकारियों को जांच के लिए आ रही टीम के अधिकारियों को सहयोग करने का आदेश दिया है।