बूंद-बूंद पानी से भी लहलहाएगी किसानी

फसल के लिए नहर और नलकूप से ही पानी की जरूरत नहीं पूरी होगी बल्कि बूंद-बूंद पानी से भी गन्ने की फसल लहलहा सकती है। जरूरत इस बात की है कि इस प्रक्रिया को किसान अपनाएं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 04:32 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 04:32 PM (IST)
बूंद-बूंद पानी से भी लहलहाएगी किसानी
बूंद-बूंद पानी से भी लहलहाएगी किसानी

जासं, आजमगढ़ : फसल के लिए नहर और नलकूप से ही पानी की जरूरत नहीं पूरी होगी, बल्कि बूंद-बूंद पानी से भी गन्ने की फसल लहलहा सकती है। जरूरत इस बात की है कि इस प्रक्रिया को किसान अपनाएं। गन्ना एवं औद्योगिक फसलें फल, फूल व मसाले आदि के लिए ड्रिप सिचाई फायदेमंद है। उद्यान विभाग कम लागत में अधिक उत्पादन के लिए किसानों को बूंद-बूंद पानी के उपयोग के लिए प्रेरित करना शुरू किया है। इससे संतुलित सिचाई होती है और पानी की आवश्यकता भी कम पड़ती है। इसके लिए शासन द्वारा लघु को 90 व सीमांत किसानों को 80 फीसद तक अनुदान दिया जा रहा है।

उपनिदेशक उद्यान मनोहर सिंह ने बताया कि कृषि, बागवानी व गन्ने की फसलों में पानी की बचत व गुणवत्तायुक्त उत्पादन लेने के लिए किसान इस विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें कृषि क्षेत्र में संपूर्ण पानी का उपयोग 82.8 फीसद कम होता है। पौधों व फसल में संतुलित सिचाई की यह नवीन पद्धति है। इस पद्धति से पौधों को बूंद-बूंद पानी मिलता है जो जड़ों तक पहुंचता है। उन्होंने बताया कि किसान विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं।

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पानी की बचत और उपज बेहतर

आजमगढ़ : ड्रिप सिचाई से पानी की निश्चित बचत होगी। पानी देने के लिए मेड़ व नालियां बनाने की आवश्यकता नहीं है। इसमें श्रम व पैसे की भी बचत होती है। साथ ही खरपतवार भी नियंत्रण होता है। पौधों की जड़ों में खाद का एक साथ वितरण होने से रसायन की बचत होती है। उबड़-खाबड़ जमीन में खेती की जा सकती है। जल की 30 फीसद से लेकर 70 फीसद बचत व उपज में 20 से 75 फीसद तक वृद्धि होती है।

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