न्याय के लिए वनवासी समाज पहुंचा एसपी दरबार
-पुलिस पर घटना को दबाने का लगाया आरोप -अचेत बालिका की इलाज के दौरान हुई थी मौत जागरण
-पुलिस पर घटना को दबाने का लगाया आरोप
-अचेत बालिका की इलाज के दौरान हुई थी मौत
जागरण संवाददाता, रौनापार (आजमगढ़): सगड़ी तहसील क्षेत्र के रौनापार थाना अंतर्गत एक गांव में नौ अक्टूबर की भोर में वनवासी समाज की 10 वर्षीय बालिका के अचेतावस्था में मिलने के बाद दुष्कर्म की आशंका जताई गई थी। बालिका गांव से थोड़ी दूर पर अर्धनग्न और बेहोशी की हालत में मिली थी। स्वजन उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने रेफर कर दिया, तो पैसे के अभाव के चलते स्वजनों ने जीयनपुर स्थित एक प्राइवेट हास्पिटल में भर्ती कराया। इसकी जानकारी होने पर पुलिस ने उसे दोबारा सदर अस्पताल में भर्ती कराया। गंभीर हालत देख वहां से डाक्टर फिर रेफर कर दिया। इसके बाद मेडिकल कालेज चक्रपानपुर में भर्ती कराया गया। शनिवार की रात लगभग 12 बजे बालिका की मौत हो गई। बालिका की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। उसके बाद पुलिस संरक्षण में लाश का अंतिम संस्कार कराया गया। मंगलवार को मृतका की मां और वनवासी समाज के कई लोग न्याय की गुहार लगाने एसपी दरबार पहुंचे। पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर कहा कि आठ अक्टूबर को मेरी दूसरी पुत्री दुकान जा रही थी। रास्ते में मेरे ही गांव के युवक ने छेड़खानी की और विरोध करने पर धमकी देने लगा।आठ अक्टूबर की रात में ही प्रार्थिनी की पुत्री का अपहरण कर दुष्कर्म किया गया। रात भर हम लोग खोजते रहे। सुबह पांच बजे भोर में लोगों द्वारा बताया गया कि वह बेहोशी की हाल में सड़क पर पड़ी है। इसके बाद हम लोग बच्ची को लेकर थाने गए। पीजीआइ चक्रपानपुर ले गए, जहां इलाज के दौरान शनिवार की रात पुत्री की मौत हो गई। पुलिस द्वारा एफआइआर दर्ज नहीं की जा रही है। कहा जा रहा है कि पुलिस से मिलकर रहोगी तो तुझे पैसा दिला देंगे। ऐसे में न्याय किया जाना आवश्यक है।