फोर्स तैनात, चलती रहीं ट्रेनें,
नहीं पहुंचे आंदोलनकारी -आरपीएफ जीआरपी पुलिस व पीएसी के जवान पूरे दिन रहे मौजूद -चप्
नहीं पहुंचे आंदोलनकारी
-आरपीएफ, जीआरपी, पुलिस व पीएसी के जवान पूरे दिन रहे मौजूद
-चप्पे-चप्पे पर पहरा, किसानों का रेल रोको आंदोलन विफल
- नहीं आई कोई बाधा, आशंकाएं साबित हुईं निरर्थक जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : आशंकाएं निरर्थक साबित हुईं। किसानों के रेल रोको आंदोलन के बीच ट्रेनें पूरे दिन रफ्तार भरती रहीं। फोर्स की कड़ी निगरानी के कारण आंदोलनकारी नहीं पहुंचे। हालांकि, जीआरपी, आरपीएफ, सिधारी पुलिस पूरे दिन अभेद्य सुरक्षा को मुस्तैद रही। पीएसी के जवान किसी स्थिति में मददगार बनने को मौजूद रहे। इसके चलते किसानों का रेल रोको आंदोलन विफल रहा। किसानों के आंदोलन को विफल करने के उद्देय से रेलवे स्टेशन पर सुबह से ही पुलिस व पीएसी की गाड़ियां लग गईं थीं। दमकल की गाड़ियां भी जीआरपी थाने के बाहर पूरे दिन खड़ी रहीं। प्रशासन ने आंदोलन को विफल करने के लिए जगह-जगह अधिकांश किसान नेताओं के घर पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया था। इसके चलते शाम तक एक भी किसान रेलवे स्टेशन पर नजर नहीं आए। सुरक्षाकर्मी ट्रेनों के गुजरने के दौरान सतर्क हो जा रहे थे। शाम चार बजे कैफियात एक्सप्रेस का निरीक्षण करने के बाद ट्रेन को पुलिस की मौजूदगी में रवाना किया गया। फूलपुर व फरिहा : किसान आंदोलन को लेकर सुबह से ही प्रशासन अलर्ट रहा। किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानून व किसानों के साथ हुई बर्बरता को लेकर रेल रोको आंदोलन का निर्णय लिया। इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया। कोतवाल धर्मेंद्र पांडेय की अगुवाई में पुलिस फोर्स शहर के सभी स्थानों पर मुस्तैद रही। रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ा दिया गया था। चौराहे व तिराहे के साथ ही अन्य स्थानों पर भी पुलिस का पहरा लगा दिया गया था। पुलिस फोर्स किसान आंदोलन को लेकर पूरी तरह से एहतियात बरतने में जुटी रही। खुरासन रोड पर डेढ़ सेक्शन पीएसी, फायर ब्रिगेड और रेलवे सुरक्षा बल की तैनाती की गई थी। आंदोलन के चलते कैफियात एक्सप्रेस डाउन पांच घंटे विलंब रही।