432 आवासों के निर्माण की निविदा निरस्त

आजमगढ़ प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक सहयोग से किफायती आवास का निर्माण आखिरकार टेंडर प्रक्रिया में फंस ही गया। मानक पर निविदा न होने पर कमेटी के साथ हुई बैठक के बाद एडीए उपाध्यक्ष/ जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने निविदा को निरस्त कर दिया। अब लोकसभा चुनाव के लिए जारी आदर्श चुनाव आचार संहिता की समाप्ति के बाद ही फिर से निविदा कराई जाएगी।ऐसे में आवास का इंतजार कर रहे लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Mar 2019 07:23 PM (IST) Updated:Mon, 18 Mar 2019 07:23 PM (IST)
432 आवासों के निर्माण की निविदा निरस्त
432 आवासों के निर्माण की निविदा निरस्त

जासं, आजमगढ़ : प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक सहयोग से किफायती आवास का निर्माण आखिरकार टेंडर प्रक्रिया में फंस ही गया। मानक पर निविदा न होने पर कमेटी के साथ हुई बैठक के बाद एडीए उपाध्यक्ष/जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने निविदा को निरस्त कर दिया। अब लोकसभा चुनाव के लिए जारी आदर्श चुनाव आचार संहिता की समाप्ति के बाद ही फिर से निविदा कराई जाएगी। ऐसे में आवास का इंतजार कर रहे लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया।

कार्यदायी संस्था एडीए द्वारा सिधारी पर होमगार्ड ग्राउंड के समीप लगभग 1.50 हेक्टेयर में 432 आवासों का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए एक फर्म के तकनीकी बिड की सहमति के बाद वित्तीय बिड भी खोली गई। फर्म द्वारा दी गई दर का परीक्षण में 2017 के शेड्यूल के अनुसार दर प्रेषित की गई है जिसमें लगभग सात फीसद दर अधिक पाया गया। उसके बाद राष्ट्रीय लोक निर्माण विभाग के डीएसआर (दिल्ली दर अनुभाग) द्वारा निर्धारित दर के अनुसार जस्टिफाई कर रिवाइज दर के साथ पत्रावली को वित्त नियंत्रक/मुख्य कोषाधिकारी के समक्ष दोबारा प्रस्तुत की गई जिस पर उन्होंने एकल और प्रतिस्पर्धी दर होने के लिए कम से कम तीन निविदा का हवाला देते हुए अपने स्तर से पुन: निविदा कराए जाने की आवश्यकता बताई थी। अब देखना है कि चुनाव बाद जिला प्रशासन क्या निर्णय लेता है। ''एकल निविदा को रिवाइज दर के साथ परीक्षण के लिए दोबारा वित्त नियंत्रक मुख्य कोषाधिकारी के पास पत्रावली भेजी गई थी। उन्होंने मानक के अनुसार निविदा न होने के कारण अमान्य करते हुए आचार संहिता के बाद फिर से ऑनलाइन आवेदन की रिपोर्ट लगाई है। संबंधित पत्रावली जिलाधिकारी के पास भेजी गई थी जिसे उन्होंने निरस्त कर दिया।''

-बाबू सिंह, सचिव, आजमगढ़ विकास प्राधिकरण

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